Uttarakhand News: उत्तराखंड में मानसून की शुरुआत के बाद से सब्जियों के दामों में भारी उछाल देखा गया था. कुमाऊं मंडल के तराई क्षेत्र में रेड अलर्ट के बावजूद हाल के दिनों में बारिश की कमी के चलते सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई है. इस बदलाव से ग्राहकों और व्यापारियों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई है.
पैदावार में वृद्धि से कीमतों में गिरावट
आपको बता दें कि प्रदेश के कुमाऊं मंडल के तराई क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बारिश ना होने के कारण हरी सब्जियों की पैदावार में वृद्धि हुई है. पैदावार बढ़ने से करेला, तोरई, कद्दू, लौकी, भिंडी जैसी हरी सब्जियों के दाम आधे हो गए हैं, जबकि टमाटर के दामों में बीस प्रतिशत की कमी आई है. मौसम खुलते ही सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण ग्राहकों और व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं. हरी सब्जियों की कीमतों में आई कमी से बाजार में इन सब्जियों की मांग में भी इजाफा हुआ है.
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सब्जी विक्रेताओं की राय
वहीं सब्जी विक्रेता रियाज अहमद ने बताया कि मानसून की दस्तक के साथ ही सब्जियों के दामों में भारी उछाल आया था और हरी सब्जियों के दाम दोगुने हो गए थे, लेकिन पिछले एक सप्ताह से उधम सिंह नगर जिले में बारिश कम होने से सब्जियों का उत्पादन बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ने से हरी सब्जियों के दाम आधे हो गए हैं और उम्मीद जताई कि आगे भी दाम ऐसे ही रहेंगे.
ग्राहकों की प्रतिक्रिया
इसके अलावा आपको बता दें कि ग्राहक अविनाश वर्मा ने बताया कि बरसात आते ही सब्जियों के दामों में अचानक उछाल देखा गया था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हरी सब्जियों के दाम आधे हो गए हैं. उन्होंने बताया कि भिंडी का दाम 80 रुपये से 40 रुपये, तोरई 40 रुपये से 15 रुपये, कद्दू 50 रुपये से 30 रुपये, करेला 60 रुपये से 30 रुपये और टमाटर 100 रुपये से 80 रुपये पर आ गया है. अविनाश ने कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है और सरकार को खाने वाली वस्तुओं के दाम नियंत्रित करने चाहिए ताकि आम आदमी को राहत मिल सके.