भारत-चीन सीमा के पास उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल जिले में शुक्रवार को शाम 4 बजे के करीब हुए हिमस्खलन की चपेट में आने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई. वहीं सेना ने कहा कि छह लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. कई बार हिमस्खलन आने कि वजह से रोड चार से पांच जगहों से कट गई. जोशीमठ में बॉर्डर रोड टास्क फोर्स की टीमें काम कर रही हैं. कुल 384 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है और अब वे सेना के शिविर में हैं. भारतीय सेना ने कहा, "अन्य मजदूरों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है." सेना ने कहा कि उत्तराखंड में सुमना रिमखिम मार्ग पर स्थित सुमना गांव से करीब चार किमी आगे हिमस्खलन की चपेट में आने के तुरंत बाद भारतीय सेना द्वारा बचाव अभियान शुरू किया गया. सेना ने कहा, "क्षेत्र में पिछले 5 दिनों से भारी बारिश और हिमपात हुआ है, जो अभी भी जारी है." भारतीय सेना हमेशा देश और देश के नागरिको की सुरक्षा के लिए तैयार रहती है, इसीलिए जब उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल जिले में ये आपदा आयी तो सेना ने तुरंत बचाव कार्य में जुट गयी.
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भूस्खलन के कारण चार से पांच स्थानों पर सड़क का संपर्क कट गया है. जोशीमठ से बॉर्डर रोड टास्क फोर्स (बीआरटीएफ) की टीमें शुक्रवार शाम से ही भापकुंड से सुमना तक स्लाइड को साफ करने का काम कर रही हैं.भारतीय सेना ने कहा, "इस पूरी जगह को साफ करने में छह से आठ घंटे लगने की उम्मीद है." राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने कहा कि ऋषि गंगा नदी में जल स्तर दो फीट बढ़ गया है. केंद्र सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और बचाव कार्यों के लिए सभी हितधारकों को सतर्क कर दिया है.
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HIGHLIGHTS
- हिमस्खलन की चपेट में आने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई
- कई बार हिमस्खलन आने कि वजह से रोड चार से पांच जगहों से कट गई
- सेना ने कहा, क्षेत्र में पिछले 5 दिनों से भारी बारिश और हिमपात हुआ है, जो अभी भी जारी है
Source : IANS