उत्तराखंड(Uttarakhand) की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में जमीन खरीदने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Singh Rawat) ने सोमवार को कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में विकास तभी पहुंचेगा जब पढ़े—लिखे और बुद्धिजीवी लोग वहां रहें. उन्होंने कहा, ‘‘एक कोशिश की है कि पलायन किये गये लोगों की वापसी हो. जो लोग अपने गांव से बाहर हैं, वे अपने प्रदेश की ओर आएं. दूरस्थ क्षेत्रों में विकास तभी पहुंचेगा जब पढे—लिखे, बुद्धिजीवी और जागरूक लोग वहां पर रहें. विकास के लिए बहुत जरूरी है कि वहां निवेशक हों और स्थानीय लोगों के पास पैसा हो. अगर लोग पैसा लेकर बाहर चले जाते हैं तो वहां विकास कैसे होगा.’’
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गैरसैंण में जमीन खरीदने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक कोशिश की है कि लोगों का ध्यान आकर्षित हो.’’ दूरस्थ क्षेत्रों में विकास और रोजगार की अपार संभावनाएं होने का जिक्र करते हुए रावत ने कहा, ‘‘जो हम देहरादून में करना चाहते हैं वह दूरस्थ क्षेत्रों में नहीं हो सकता. वहां की परिस्थितियां और वहां के प्राकृतिक उत्पादों का अगर हम दोहन करें और उनका सदुपयोग करें तो विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं और इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.’’
गैरसैंण में जमीन के उपयोग के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वहां आवास बनाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘जब जेब में कुछ व्यवस्था होगी, तो आवास बनाएंगे. हमारी कोशिश होगी कि कुछ और लोग भी वहां आएं.’’ मुख्यमंत्री ने कल रविवार को सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी साझा की थी कि उन्होंने गैरसैंण में जमीन खरीदी है.
Source : Bhasha