सियासत में बहुत कम ही देखने को मिलता है कि नेता अभद्र बयानबाजी करे और माफी मांगे. वह अपने बयान पर नहीं किसी और नेता के अभद्र टिप्पणी पर दूसरा नेता माफी मांगे, लेकिन यह सभ्य राजनीति का उदाहरण पेश किया हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बंशीधर भगत के उस बयान के लिए माफी मांग कर, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.
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मंगलवार देर रात अपने एक ट्वीट में सीएम ने कहा कि बहिनजी, आज मैं अति दुखी हूं. महिला हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हूं जो मेरी तरह दुखी हैं. दरअसल, उत्तराखंड के बीजेपी अध्यक्ष बंसीधर भगत के विवादित बयान पर इंदिरा हृदयेश का बयान आ गया था. कांग्रेस नेता और उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि वे बंसीधर भगत की भाषा से काफी आहत हुई हैं. उन्होंने कहा कि बंसीधर उत्तराखंड में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं बल्कि राज्य में पार्टी के प्रतिनिधि भी हैं. कांग्रेस नेता ने कहा है कि इस मामले में उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
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बंसीधर के बिगड़े बोल पर इंदिरा ने कहा, ''मैंने अपने खिलाफ इस्तेमाल की गई आहत भाषा सुनी है. बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में वे खुद पार्टी के प्रतिनिधि हैं. मुझे उनकी भाषा सुनकर गहरा दुख हुआ है. मैं चाहती हूं कि इस मामले में संज्ञान लिया जाए और माफी मांगी जाए''. बताते चलें कि इंदिरा ने कहा था कि उनके संपर्क में कई विधायक हैं. इंदिरा की इसी बयान पर भीमताल विधानसभा क्षेत्र में आयोजित बीजेपी के एक कार्यक्रम में बंसीधर भगत ने इंदिरा हृदयेश के लिए काफी आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था. बंसीधर ने बोला था, ''नेता प्रतिपक्ष कह रहीं है कि बहुत विधायक मेरे संपर्क में हैं. अरे बुढ़िया तुझसे क्यों संपर्क करेंगे.'' इस दौरान बंसीधर ने कांग्रेस को डूबता जहाज भी करार दिया.
Source : News Nation Bureau