उत्तराखंड में चुनाव संपन्न हो गए हैं। एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार राज्य में बीजेपी कांग्रेस को मात देकर राज्य की सत्ता पर काबिज हो रही है।
बीजेपी को पिछले चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा था। उसका सबसे बड़ा कारण पार्टी की अंदरूनी कलह के कारण पार्टी सत्ता से दूर हो गई।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिये बीजेपी में कई दावेदार हैं और यही बीजेपी के लिये सबसे बड़ी मुसीबत भी है।
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पार्टी की अंदूरनी कलह के कारण पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान किसी को मुख्यमंत्री चेहरा नहीं बनाया। राज्य का चुनाव केंद्र सरकार की सफलता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही चेहरा बनाया गया था।
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राज्य में अगर बीजेपी की जीत होती है तो कुछ नाम है जिनमें से पार्टी मुख्यमंत्री चुन सकती है।
बी सी खंडूरी- एग्जिट पोल के सर्वे के अनुसार बीजेपी के राज्य में सत्ता पाने की संभावना अधिक दिखाई दे रही है। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता जनरल बीसी खंडूरी को राज्य का मुख्यमंत्री बना सकती है। वो 2007-09 और 2011-12 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
सतपाल महाराज- धर्म गुरु हंसराज जी महाराज के पुत्र सतपाल महाराज बीजेपी के राष्ट्रीय बीजेपी के एक्जेक्यूटिव मेंबर हैं। 2014 में सतपाल महाराज कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे।
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भगत सिंह कोश्यारी- आरएसएस के करीबी माने जाने वाले कोश्यारी राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वो बीजेपी प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। संघ से निकटता के कारण कोश्यारी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना अधिक है।
अजय भट्ट- बीजेपी राज्य ईकाई के अध्यक्ष अजय भट्ट के भी मुख्यमंत्री बनने के आसार हैं। पिछली बीजेपी सरकार में वो स्वास्थय मंत्री भी रह चुके हैं। अगर बीजेपी जीतती है तो राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। बीजेपी के बागियों को पार्टी को नुकसान पहुंचा से भी रोकने में सफल रहे हैं।
रमेश पोखरियाल निशंक- बीसी खंडूरी, रमेश पोखरियाल की तरह निशंक भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस समय वो सासंद हैं और मुख्यमंत्री रहते उन पर आरोप लगे थे कि वो भ्रष्टाचार को रेक पाने में असफल रहे।
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Source : Pradeep Tripathi