Uttarakhand Rain: दिल्ली-एनसीआर में जहां उमसभरी गर्मी पड़ रही है तो वहीं उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है. राज्य की ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जबकि कई इलाकों में भूस्खलन के चलते रास्ते और सड़कें बंद हैं. भारी बारिश के बीच केदारनाथ हाईवे के सौड़ी में भारी मलबा आ गया. जिसके चलते हाईवे बंद हो गया है. जिसके चलते हाइवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. वहीं हाईवे बंद होने के बाद कुछ लोग पैदल ही गंतव्य की ओर जाने लगे हैं. देर रात से राजमार्ग के बंद होने से लोग बेहद परेशान हैं.
कुमाऊं में भी भारी बारिश जारी
वहीं कुमाऊं में भी रात से हल्की और भारी बारिश का दौर देखने को मिल रहा है. चंपावत जिले में भारी बारिश के बाद टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग लगातार दूसरे दिन बंद है. राजमार्ग पर कई स्थानों पर पहाड़ों से हुए भूस्खलन का मलबा आ गया है. जिसे हटाने का काम जारी है. धौन, बनलेख, स्वाला के पास भारी मात्रा में हाइवे पर मलबा आ गया है. जिसके चलते यहां हाईवे बंद हो गया है. यहां भी मलबा हटाने का काम जारी है. वहीं टनकपुर-चंपावत नेशनल हाइवे बुधवार देर शाम कुछ देर के लिए खुला लेकिन रात में हुई भारी बारिश के चलते हाइवे फिर से बंद हो गया.
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धारचूला के पास हाइवे पर भूस्खलन
ऊधर चीन सीमा को जोड़ने वाले पिथौरागढ़-तवाघाट हाईवे पर भी भारी भूस्खलन हुआ है. यहां धारचूला से लगभग चार किमी दूर दोबाट में भूस्खलन के चलते हाइवे बंद हो गया है. यहां हुए भूस्खलन के चलते धारचूला से आगे चीन सीमा का संपर्क टूट गया है.
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खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां
उत्तराखंड की ज्यादातर नदियां इनदिनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. वहीं पिथौरागढ़ जिले में हुई भारी बारिश के चलते गोरी गंगा और रामगंगा का जलस्तर बढ़ गया है. जिसके चलते ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी हैं. वहीं जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर कैथी बैंड के पार कई वाहन फंस गए हैं. वहीं गोरी नदी खतरे के निशान से 0.70 मीटर ऊपर बह रही है. जबकि रामगंगा में खतरे के निशान से 0.73 मीटर ऊपर पानी पहुंच गया है. जिसके चलते नदी किनारे बसी बस्तियों में अलर्ट जारी किया गया है. वहीं जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को काली, गोरी, राम गंगा और मंदाकिनी नदियों के जल स्तर पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि ये सभी नदियां ग्लेशियरों से निकलकर आती है और इनके जल स्तर में बढ़ोतरी होने से चीन सीमा से सड़क संपर्क टूट जाता है.
Source : News Nation Bureau