उत्तराखंड में अगले 24 घंटे मौसम के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं. इसके लिए उत्तराखंड में मौसम विभाग ने भारी से अत्यंत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. प्रदेश में बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, उत्तरकाशी जनपदों के लिए भारी से अत्यंत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेश के बाकी हिस्सों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग ने भी सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है. प्रदेश के आपदा सचिव रंजीत सिन्हा का कहना है कि मैदानी और पहाड़ी जनपदों में जिलाधिकारियों को उचित निर्देश दिए गए हैं मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा रहता है इसलिए राफ्ट और बोट की व्यवस्था पहले से की गई है.
उत्तराखंड में 400 से ज्यादा जेसीबी मशीनें तैनात
उत्तराखंड शासन के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को खाद्य सामग्री पहले से ही दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं. आपदा सचिव का कहना है कि पहाड़ी जनपदों में लैंड स्लाइड और सड़कें बंद होने की दिक्कत होती है. जिसके लिए उचित व्यवस्था की गई है. उत्तराखंड में मौसम के अलर्ट को देखते हुए प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कें बंद होने पर पहले से ही 400 से ज्यादा जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं. जेसीबी मशीनों को जीपीएस से लैस किया गया है जिससे किसी भी क्षेत्र में सड़क बंद होने पर कम्युनिकेशन करने में आसानी हो इसके साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी सभी क्षेत्रों में तैनात किया गया है.
राज्य के 9 जिलों में स्कूल बंद
उत्तराखंड में भारी बारिश के हालात को देखते हुए 9 जनपदों में स्कूलों को बंद किया गया है. मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था ऐसे में सभी जिलाधिकारियों ने अपने जिलों की स्थिति के हिसाब से स्कूलों में छुट्टी घोषित की है. आपदा सचिव रंजीत सिन्हा का कहना है कि प्रदेश में 500 से 1000 ऐसे स्कूल हैं, जिनके भवन क्षतिग्रस्त हैं और बारिश के दौरान खतरा हो सकता है. इसलिए शिक्षा विभाग की ओर से भी इस पर उचित निर्देश दिए गए हैं.
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बाढ़ को लेकर भी अलर्ट
मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए उत्तराखंड के जल विद्युत परियोजनाओं से संबंधित डैम प्रबंधन को भी इसके लिए सूचित किया गया है. सचिव आपदा प्रबंधन का कहना है कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम एनटीपीसी एनएचपीसी टीएसडीसी सभी को इस संदर्भ में निर्देश दिए गए हैं. डैम में जल स्तर बढ़ने पर सभी आपदा प्रबंधन तंत्र को सूचना देंगे. अगर किसी भी टाइम में खतरे के निशान से ऊपर पानी बढ़ता है, तो निचले इलाके के लोगों को पहले से ही सूचित किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर शिफ्ट भी किया जा सकता है.
एसडीआरएफ की कई टीमें तैनात
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा का कहना है कि प्रदेश में कावड़ यात्रा को बंद नहीं किया जाएगा. लेकिन भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए कांवड़ और चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रशासन के नियमों का पालन करना होगा और मौसम के हिसाब से सभी जगह पर शासन निर्देश भी दे रहा है. इस मामले में प्रदेश में एनडीआरएफ की तैनाती पांच जगह पर की गई है देहरादून के झाझरा, उत्तरकाशी जनपद, अल्मोड़ा जनपद, उधम सिंह नगर के गदरपुर और रुद्रप्रयाग जनपद में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है. जरूरत के हिसाब से एनडीआरएफ को संवेदनशील क्षेत्रों में भेजा जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश में एसडीआरएफ की 42 टीमों को तैनात किया गया है. एसडीआरएफ की एक टीम में 8 लोगों की संख्या होती है, जिस क्षेत्र में जहां जरूरत होगी वहां इन्हें भेजा जाएगा.
HIGHLIGHTS
- उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी
- भारी बारिश से हो सकता है नुकसान
- स्कूल बंद, प्रशासन पूरी तरह अलर्ट