Uttarakhand Weather Update Today: उत्तराखंड में मानसून के आगमन के साथ ही कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित हिल स्टेशनों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है. इस गिरावट का सबसे अधिक असर होटल इंडस्ट्री, होम स्टे, रेस्टोरेंट, नाविकों और पैराग्लाइडिंग के कारोबार पर पड़ा है. मानसून के चलते होटलों और होम स्टे में रुकने वाले पर्यटकों की संख्या मात्र 20 से 25 प्रतिशत रह गई है, जिससे कारोबार में भारी नुकसान हो रहा है.
पर्यटकों की संख्या में गिरावट
आपको बता दें कि कुमाऊं मंडल के नैनीताल, भीमताल, कैंची धाम, सातताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है. मानसून की दस्तक के साथ ही दिल्ली, यूपी, हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों से आने वाले पर्यटकों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी है. इससे होटल इंडस्ट्री, होम स्टे, रेस्टोरेंट, नाविकों और पैराग्लाइडिंग के कारोबार पर बुरा प्रभाव पड़ा है.
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होटल इंडस्ट्री पर असर
वहीं बंसीवाल होम स्टे के मालिक अंकित बंसल ने बताया कि 20 जून के बाद से मानसून की दस्तक के साथ ही पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि मानसून की वजह से कई पुरानी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं और वर्तमान में केवल 20 से 25 प्रतिशत ही कमरों की बुकिंग हो पा रही है. इससे होटल इंडस्ट्री और होम स्टे पर सीधा असर पड़ा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.
अन्य व्यवसायों पर प्रभाव
बता दें कि पर्यटकों की संख्या में गिरावट से न केवल होटल इंडस्ट्री और होम स्टे, बल्कि नाव चालकों, रेस्टोरेंट इंडस्ट्री, पैराग्लाइडिंग, टैक्सी के कारोबार और फूड वैन के व्यवसाय पर भी असर पड़ा है. मानसून के कारण छोटे कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि मैदानी इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी होने से ही पर्यटक फिर से पहाड़ों की तरफ रुख करेंगे, जिससे उनके कारोबार में सुधार होगा.
इसके अलावा आपको बता दें कि व्यापारियों को उम्मीद है कि मानसून के बाद स्थितियों में सुधार होगा. जैसे ही मैदानी इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी होगी, पर्यटक पुनः पहाड़ों की तरफ रुख करेंगे. तब तक, व्यापारियों को अपने व्यवसाय को चलाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. इसके अलावा, प्रशासनिक स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं कि पर्यटकों को सुरक्षित और आरामदायक अनुभव प्रदान किया जा सके, ताकि वे बिना किसी डर के पहाड़ों का आनंद ले सकें.
HIGHLIGHTS
- उत्तराखंड में बारिश में चौपट हुआ पर्यटन व्यवसाय
- 20 से 25 फीसदी ही हो रही होटलों में बुकिंग
- बाजारों में भी पसरा सन्नाटा
Source : News Nation Bureau