Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम युद्ध स्तर पर जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 12 दिन हैं. टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए देश के कोने-कोने से मंगाई गई मशीनों से ड्रिलिंग का काम जारी है. माना जा रहा है कि गुरुवार सुबह तक 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल जाएगा. इससे पहले रेस्क्यू टीम ने पाइप के माध्यम से मजदूरों तक पहुंच का एक रास्ता तैयार कर लिया था. जिसके माध्यम से उनसे बातचीत करना और खाना समेत अन्य जरूरत की चीजें पहुंचाना काफी सरल हो गया था. अब यह रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम पड़ाव में आ पहुंचा है, जिसके गुरुवार तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.
मजदूरों को रेस्क्यू कराने के बाद डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा
जानकारी के अनुसार सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू कराने के बाद डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा. इसके लिए सिलक्यारा में 10 बेड़ का एक अस्थाई अस्पताल तैयार किया गया है. इसके साथ ही उनकी देखरेख के लिए सीनियर फिजिशियन व मनोचिकित्सक की एक टीम भी तैनात की गई है. इसके अलावा चिन्यालीसोड़ स्थित सामुदायिक अस्पताल में में 41 बेड़ उसके लिए आरक्षित किए गए हैं. सभी बेड ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं से लैस हैं. अगर किसी मजदूर को कोई सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम मिलती है तो उसको एयरलिफ्ट कराकर ऋषिकेश ले जाया जाएगा. इसके लिए ऋषिकेश एम्स में पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य का लगातार जायजा ले रहे
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचे. मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य का लगातार जायजा ले रहे हैं. दूसरी तरफ सुरंग में ड्रिलिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है. ऑगर मशीन से लगभग 44-45 मीटर तक की ड्रिलिंग पूरी हो गई है. अब करीब 20 मीटर की ही ड्रिलिंग बची हुई है. अगले दो घंटे में हो सकता है कि पाइप सुरंग से आरपार हो जाए. जिसके बाद सुरंग में 11 दिनों से फंसे हुए 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.
सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा
बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा, जिसकी तैयारी की जा रही है. एनडीआरएफ ने भी बचाव की ब्रीफिंग शुरू कर दी है. टनल में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही टनल से बाहर निकालेंगे. टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है. टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल में आठ बेड लगाए गए हैं. हादसे वाली जगह से करीब चार किलोमीटर दूर हेलिपैड बनाया गया है. जहां से जरूरत पड़ने पर श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है. उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं. सुरंग स्थल के पास एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं.
Source : News Nation Bureau