Uttarakhand UCC Bill: उत्तराखंड में पास हुआ UCC Bill. इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया जहां आजादी के बाद समान नागरिक संहिता विधेयक पास हो गया है. बता दें कि इस विधेयक के पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा. इससे पहले सुबह ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूसीसी बिल का मसौदा लेकर विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे. उन्होंने करीब 11.30 बजे सदन में यूसीसी बिल को पेश किया. बिल पेश करते ही सदन में जयश्रीराम के नारे गूंजने लगे.
क्या बोले विधानसभा अध्यक्ष
बिल को पास होने के बाद उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा कि यह प्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन और मौका है. सभी को इस बात की बहुत खुशी है कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता ना सिर्फ पेश हुआ बल्कि पास भी कर दिया गया. यह बहुत ही महत्वपूर्ण कानून साबित होगा.
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4 खंड और 740 पृष्ठों का मसौदा
बता दें कि समान नागरिक संहिता के चार खंड और 740 पन्नों के मसौदे को हाई कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई वाली समिति ने तैयार किया है. उनकी समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसका ड्राफ्ट सौंपा था.
उत्तराखंड में यूसीसी से क्या आएगा बदलाव
उत्तराखंड में UCC लागू किए जाने के बाद कई बदलाव देखने को मिलेंगे. इनमें प्रमुख रूप से विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार, गोद लेना या फिर विरासत जैसे नियमों में खासा बदलाव देखने को मिलेगा. यही नहीं लिव-इन रिलेशनशिप जैसे नियमों में सख्ती देखी जाएगी.
क्यों पड़ी यूसीसी की जरूरत
दरअसल यूसीसी के प्रबल जरूरत कई कारणों से पड़ी. इसके हिमायती एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की मानें तो बहु विवाह से लेकर शादी के लिए लड़की उम्र, तलाक बिना रजिस्ट्रेशन लिव इन रिलेशनशिप जैसे समस्याओं से निपटने में यह कानून अहम भूमिका निभाएगा. इसके साथ ही उत्तराधिकार और विरासत जैसी समस्याओं से भी निपटने में मदद मिलेगी. गोद लेने की प्रक्रिया भी सरल की जा सकेगी, मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का दिया जाएगा अधिकार.
Source : News Nation Bureau