उत्तराखंड में Vigilance Department आरटीआई के दायरे से हुआ बाहर

उत्तराखंड (Uttarakhand) में सतर्कता विभाग ( Vigilance department ) को आसूचना संगठन घोषित कर दिया गया है जिससे अब यह सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के दायरे से बाहर हो गया है.

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Vineeta Mandal
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RTI

RTI ( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

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उत्तराखंड (Uttarakhand) में सतर्कता विभाग ( Vigilance department ) को आसूचना संगठन घोषित कर दिया गया है जिससे अब यह सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के दायरे से बाहर हो गया है. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की इस संबंध में स्वीकृति के बाद राज्य सरकार ने कल गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी.

अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, आरटीआई अधिनियम-2005 की धारा 24 की उपधारा चार तथा उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान अधिनियम 1965 की धारा चार की उपधारा एक में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल ने सतर्कता विभाग और सतर्कता अधिष्ठान को आसूचना संगठन घोषित करने को अपनी मंजूरी दी है.

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राज्य मंत्रिमंडल ने इस माह के शुरू में सतर्कता विभाग को आसूचना संगठन घोषित कर उसे सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया था. राज्य सरकार का तर्क है कि आरटीआई के दायरे में होने से सतर्कता विभाग के जांच कार्य में बाधा आ रही थी.

इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सतर्कता विभाग जैसे ही किसी मामले की जांच शुरू करता है तभी आरटीआई के तहत सूचनाएं मांगने की बाढ़ आ जाती है और सूचनाएं साझा करने से जांच प्रभावित होती है. 

Source : Bhasha

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