Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल के 40 मजदूर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. अभी भी बचाव अभियान जारी है. मगर अब इसमें नई अड़चन देखने को मिल रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे-जैसे मलबा हटाया जा रहा है, ऊपर से मलबा दोबरा गिर रहा है. ऐसे में अब मजदूरों को बाहर निकालने के लिए नया रास्ता बनाया जा रहा है. इस हादसे को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि हर हाल में मजदूरों को टनल से सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा. मजदूरों को निकालने के लिए 3 प्लॉन ए,बी,सी पर काम जारी है. अभी तक सारा काम मैनुअल हो रहा है, इस वजह से थोड़ा वक्त लगने वाला है. सीएम ने कहा कि टनल के अंदर पाइप के जरिए ऑक्सीजन को पहुंचाने का प्रयास हो रहा है. सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
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ये हादसा किस तरह हुआ?
प्रत्यक्षर्शियों ने बताया कि ये हादसा रविवार सुबह 5:00 बजे आसपास हुआ है. सुरंग के अंदर मजदूर काम में लगे थे. इससे कुछ दूर करीब 200 मीटर की दूरी पर भूस्खलन हुआ. इसके बाद बाहर निकलने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया. इस घटना की जानकारी जब मिली तो मौके पर एसडीआरएफ की टीम को भेजा गया. यहां पर स्थानीय पुलिस और एंबुलेंस को मजदूरों की जान बचाने के लिए तैनात किया गया है. एक अधिकारी का कहना है कि मजदूरों से संपर्क स्थापित है.
90 फीसदी काम हो चुका है पूरा
आलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर इस टनल का निर्माणकार्य हो रहा है. अब तक टनल का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है. टनल चार किमी तक बनकर तैयार हो गई है. बस आधा किमी का काम होना बाकी है. वैसे टनल को सितंबर 2023 में पूरा होना था. मगर अब मार्च 2024 तक इसके निर्माण कार्य को बढ़ा दिया है. एनएचआईडीसीएल के देखरेख में टनल का निर्माणकार्य नवयुगा कंपनी करा रही है.
चारधाम यात्रा को आसान बनाने की कोशिश
इस टनल के बनकर चारधाम यात्रा को आसान बनाने की कोशिश हो रही है. बर्फबारी की वजह से सर्दियों में हाईवे बंद हो जाते हैं. इसके कारण कई क्षेत्रों से संपर्क कट जाता है. इस समस्या को देखते हुए सरकार ने डबल लेन सुरंग बनाने का निर्णय लिया है. यह टनल यमुनोत्री हाईवे पर पर तैयार हो रहा है. इसमें 1383 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है. उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम की दूरी करीब 125 किमी है. सुरंग बनने से चारधाम जाने वाले श्रद्धालुओं का सफर 26 किलोमीटर तक होने वाला है.