Uttarkashi Tunnel: उत्तरकाशी टनल से रेस्क्यू किए गए 41 मजदूरों को स्वास्थ्य जांच को लेकर ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में लाया गया है. यहां पर उनका प्रारंभिक इलाज चल रहा है. पीएम मोदी ने 17 दिन तक टनल में कैद मजूदरों का हालचाल लिया. इसके साथ ही सभी मजदूरों को सहायता राशि के रूप में 50 हजार रुपये भी दिए. यहां पर बड़ा सवाल ये है कि इन मजदूरों को कब छुट्टी मिलेगी? कहीं कोई मजदूर कोई गंभीर बीमारी से तो नहीं जूझ रहे है? इस बीच किसी मजदूर को किसी तरह की कोई गंभीर बीमारी तो नहीं? इस पर एम्स ऋषिकेश के असिस्टेंट प्रोफेसर नरेश कुमार ने बड़ा अपडेट दिया है.
मीडिया से बातचीत में नरेश कुमार ने बताया, सभी 41 कर्मचारियों को हमारे पास लाया गया है. मजदूरों को किसी तरह की चोट नहीं आई है. सभी मजदूर कई दिनों तक एक जगह पर बंद रहे हैं. ऐसे में सभी के दिमाग पर गहरा असर हो सकता है. इसके लिए मनोरोग,आंतरिक चिकित्सा और डॉक्टरों की सहायता ली गई है. यह कहना कठिन है कि सभी मजदूरों को कब तक अस्पताल से छुट्टी मिल सकेगी. डॉक्टरों की टीम मजदूरों का मूल्यांकन करने में लगी है. इसके लिए उन्हे शायद अगले 24 घंटे यहीं रहना होगा.
मनोचिकित्सकों की निगरानी में हैं मजदूर
एम्स ऋषिकेश के असिस्टेंट प्रोफेसर के अनुसार, मजदूर किसी भी तरह के मानसिक तनाव में नहीं हैं. इसके बावजूद मनोचिकित्सकों और आंतरिक चिकित्सा के साथ डॉक्टरों की टीम भी मौजूद रहेगी. इनकी प्रारंभिक जांच होगी. इसके बाद मूल्यांकन, रक्त जांच, छाती का एक्स-रे और जो भी अन्य आवश्यकताएं डॉक्टरों को सही लगेंगी, उसे पूरा किया जाएगा. इसके बाद, हम यह तय कर पाएंगे कि किसे निगरानी या किसे छुट्टी की जरूरत है.