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Silkyara Tunnel Rescue: 'ऑगर मशीन से अब नहीं हो पाएगा ड्रिलिंग का काम', क्यों बोले अर्नोल्ड डिक्स?

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल एक बार फिर से ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है. अब हाथ से ही मलबा हटाने की तैयारी की जा रही है.

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Suhel Khan
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Silkyara Tunnel Collapse

Silkyara Tunnel Rescue Operation ( Photo Credit : ANI)

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उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार रात से रूका हुआ है. दरअसल, टनल में ड्रिलिंग का काम कर रही ऑगर मशीन में खराबी आ गई है. इसी बीच बचाव अभियान में लगे अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि अब ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए कई तरीके हैं, ये मात्र एक रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि फिलहाल सब कुछ ठीक है, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अब ऑगर से काम होते हुए नहीं देखा जा सकेगा. क्योंकि ऑगर खत्म हो गया है. बरमा (मशीन) टूट गया है.  यह अपूरणीय क्षति है. इसके साथ ही डिक्स ने कहा कि बरमा से अब कोई काम नहीं होगा. बरमा से अब और ड्रिलिंग नहीं होगी. साथ ही कोई नया बरमा भी नहीं आएगा.

बता दें कि उत्तराखंड की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में पिछले 14 दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए हैं, इनमें से अभी तक किसी मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका है. रेस्क्यू ऑपरेशन दिन रात चल रहा है, बावजूद इसके मजदूरों तक बचावकर्मी नहीं पहुंच पाए हैं. फिलहाल सुरंग में किया जा रहा ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है. बताया जा रहा है कि अब हाथ से ही मलबा हटाने की तैयारी की जा रही है. हालांकि इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. दरअसल, ऑगर मशीन के सामने लोहे जैसी कोई चीज आने के बाद मशीन से की जा रही ड्रिलिंग को शुक्रवार देर शाम को रोकना पड़ा था. इससे पहले भी ऑगर मशीन में आई खराबी के चलते रेस्क्यू अभियान बाधित हुआ था. ऐसे में माना जा रहा है कि रेस्क्यू अभियान में अभी और वक्त लग सकता है.

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12 नवंबर की सुबह से सुरंग में फंसे हैं मजदूर

बता दें कि उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में दिवाली यानी 12 नवंबर की सुबह करीब साढ़े पांच बजे भूस्खलन हुआ था. जिसके बाद सुरंग में काम कर रहे 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. उसके बाद मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. लेकिन 13 दिन गुजर जाने के बाद भी मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका. 14 दिनों से सुरंग में फंसे मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें बोतलों में भरकर पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है.

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ओडिशा से उत्तराखंड आ रहे मजदूरों के परिवार

उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से कई ओडिशा के भी है. अब ओडिशा सरकार तीन मजदूरों के परिवार के सदस्यों को उत्तराखंड भेज रही है. शुक्रवार को एक अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी. इससे पहले दो अन्य मजदूरों के परिवार पहले ही उत्तरकाशी पहुंच चुके हैं. श्रम आयुक्त एन. तिरुमला नाइक ने बताया कि इनके अलावा विभाग का एक और अधिकारी उस स्थान पर जाएगा जहां दो अन्य अधिकारी डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने कहा कि वे सरकार को बचाव अभियान के बारे में सभी जानकारी देंगे. श्रम आयुक्त एन. तिरुमला नाइक ने बताया कि दो मजदूरों के परिवार के सदस्य पहले से ही उत्तरकाशी में हैं, अन्य तीन मजदूरों के परिवार के सदस्य शनिवार को उत्तरकाशी पहुंच जाएंगे.

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रातभर नहीं चला रेस्क्यू ऑपरेशन

बता दें कि शुक्रवार देर शाम ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन से रेस्क्यू काम को रोक दिया गया. उसके बाद पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा. सूत्रों के मुताबिक, अब मैनुअली यानी हाथ से ही मलबा हटाने का काम किया जायेगा. दरअसल, ऑगर मशीन के सामने लोहे जैसी कोई चीज दोबारा आ गई है. जिसके चलते मशीन से ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है. इससे पहले भी ऑगर मशीन में आई समस्या के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा. अब फिर से ऑगर मशीन से काम बंद कर दिया गया है. जिसके चलते अब रेस्क्यू ऑपरेशन में और वक्त लग सकता है.

HIGHLIGHTS

  • ऑगर मशीन से ड्रिलिंक का काम रुका
  • अब हाथ से मलबा हटाने की तैयारी
  • रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी और लग सकता है वक्त

Source : News Nation Bureau

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