Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए पिछले 9 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. तमाम कोशिशो के बावजूद अभी तक मजदूरों तक नहीं पहुंचा जा सका है. अब रेस्क्यू ऑपरेशन में विदेशी एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है. जिससे 12 नवंबर से सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके. अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं.
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सोमवार सुबह उन्होंने सिल्क्यारा सुरंग स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान डिक्स ने कहा कि, "हम उन लोगों को बाहर निकालने जा रहे हैं. बहुत अच्छा काम किया जा रहा है. हमारी पूरी टीम यहां है और हम उन्हें बाहर लाने के लिए एक समाधान ढूंढ रहे हैं." उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि, यहां की टीम शानदार काम कर रही है. बचाव अभियान के लिए अच्छी योजना बनाई गई है और काम बहुत व्यवस्थित रूप से चल रहा है. उन्होंने कहा कि टनल में फंसे मजदूरों तक भोजन और दवाएं भी पहुंचाई जा रही हैं.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | International Tunneling Expert, Arnold Dix says "It is looking good, but we have to decide whether it is actually good or is it a trap. It is looking very positive as we have the best experts in Himalayan geology with… pic.twitter.com/IcnmHjGfRw
— ANI (@ANI) November 20, 2023
केंद्र और राज्य के उच्चाधिकारियों ने डारा डेरा
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन के तहत पांच प्लान पर कार्य करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारी सिलक्यारा में डेरा डाले हुए हैं. उच्चाधिकारियों ने विशेषज्ञों के साथ सुरंग के भीतर और ऊपर की पहाड़ी तक पूरे दिन कई बार निरीक्षण किया और ड्रिलिंग मशीनों के लिए प्लेटफार्म तैयार करने वाले काम का जायजा लिया.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | International Tunneling Expert, Arnold Dix conducts an inspection at the Silkyara tunnel site as the rescue operation to bring out the trapped victims is underway.
A part of the Silkyara tunnel collapsed in Uttarkashi… pic.twitter.com/N1qEs1XT2e
— ANI (@ANI) November 20, 2023
इसके साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे के अलावा उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला भी सिलक्यारा में डटे हुए हैं.
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कंक्रीट ब्लॉक से सुरक्षित की जा रही ड्रिलिंग मशीन
वहीं सुरंग के अंदर लगाई गई ड्रिलिंग मशीन को भी भूस्खलन का खतरा है. मशीन को बचाने के लिए कंक्रीट ब्लॉक से ढका गया है. सूत्रों के मुताबिक, इन कंक्रीट ब्लॉक्स को बीआरओ ने विशेष रूप से भेजा है. एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों के मुताबिक, एक बार ड्रिलिंग मशीन की सुरक्षा पुख्ता हो जाए तो पाइप को डालने के काम दोबारा से शुरू किया जाएगा.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | President of International Tunneling Underground Space Professor, Arnold Dix arrives at Silkyara tunnel as rescue operation to bring out the stranded victims is underway.
He also offered prayers at a temple that is… pic.twitter.com/EJViIFcmee
— ANI (@ANI) November 20, 2023
पीएम मोदी ने की सीएम धामी से बात
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की. उन्होंने उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी ली. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके साथ ही केंद्र और राज्य की एजेंसियां आपस में समन्वय बनाकर श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम कर रही हैं. वहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय का साथ राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं. उन्होंने कहा कि टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है.
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रात 10 बजे शुरू हुई ऑगर मशीन से ड्रिलिंग
इसके अलावा रविवार रात दस बजे एक बार फिर से सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया. वहीं भूस्खलन का खतरा कम करने के लिए शॉटक्रिट मशीन से स्प्रे किया गया. वहीं बैकअप प्लान के तहत सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी सड़क बनाई जा रही है जिसका काम अंतिम चरण में है. बता दें कि अंदर फंसे मजदूरों को खाने व ऑक्सीजन की सप्लाई के पाइपों को कंक्रीट ह्यूम पाइप से ढक दिया गया है. ऐसे में भूस्खलन होता है, तो इससे खाने के सामान और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित नहीं होगी.
HIGHLIGHTS
- सिल्क्यारा टनल में 9वें दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
- 12 नवंबर से टनल में फंसे से 41 मजदूर
- विदेशी एक्सपर्ट्स कर रहे हैं बचाव अभियान में मदद
Source : News Nation Bureau