उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कंस्ट्रक्शन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. यह याचिका एम्बी अन्तर कलज हल्द्वानी से लेकर टिकोनिअ सड़क तक की है जहां पर सीवर लाइन को बनाने और सड़क निर्माण को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. इस सुनवाई को सुनने के बाद डिवीज़न बेंच के चीफ जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस आरसी खुल्बे ने जल निगम को आदेश दिए कि तुरंत इन जगहों पर काम किया जाए और जहां पर सीवर लाइन का काम अधूरा है उसे पूरा किया जाये.
यह भी पढ़ें- देहरादून: आम आदमी पार्टी ने अग्निपथ स्कीम का किया विरोध, सरकार के खिलाफ हल्ला बोल
अब अगली सुनवाई इस मुद्दे पर कोर्ट ने अगले महीने की 4 अगस्त को फिक्स की है. जल निगम को अगले महीने की 4 तारीख तक सड़क निर्माण और सीवर लाइन क निर्माण की रिपोर्ट सबमिट करनी होगी. जानकारों के मुताबिक सुनवाई के बीच में ये भी कहा गया कि मुनिसिपल विभाग ने जल निगम को 2. 25 करोड़ रूपए दिए गए थे सीवर लाइन के लिए और 1. 85 करोड़ सड़क निर्माण के लिए दिए थे. इन सब के बाद भी काम पूरा नहीं किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समीर वर्मा जो हल्द्वानी का ही एक निवासी है उसके मुताबिक उसने एक याचिका दायर की थी कि सड़क र सीवर लाइन का काम पूरा किया जाए। हालांकि जो सीवर लाइन का काम था वो अप्रैल में पूरा हो चूका था लकिन जो सड़क निर्माण का काम था वो अभी तक पूरा नहीं हुआ है.
यह भी पढ़ें- सीएम पुष्कर धामी के लिए सीट छोड़ने की एवज में कैलाश गहतोड़ी को दिया ये पद
Source : News Nation Bureau