'सब पढ़ें, सब बढ़ें' अभियान के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें जोर शोर से लगी हुई है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है। नैनीताल में एक गांव ऐसा है जहां बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने जाते हैं।
नैनीताल के उड़वां गांव में छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने के लिए रोज उफनती नदी को पार करना पड़ता है। नदी की धार इतनी तेज रहती है कि पार करते वक्त छात्रों के बह जाने का खतरा रहता है।
दरअसल गांव से गुजरने वाली गौला नदी में तीन नदियों के पानी जमा होने की वजह से उसका प्रवाह काफी तेज होता है। बारिश के दिनों में तो हालत और भी ख़राब होते है। लेकिन डर के बावजूद बच्चों को नदी पार करना पड़ता है।
स्कूल जाने से पहले बच्चे अपनी स्कूल यूनिफार्म और स्कूल बैग को प्लास्टिक के बैग में रखते है, फिर बैग को सिर पर रख कर नदी को पार करते है। हैरान करने वाली बात ये हैं इनमे से काफी बच्चे ऐसे होते हैं जिनकी उम्र बहुत छोटी है।
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इन बच्चों का कहना है कि इस तरह पार कर स्कूल जाने में इन्हें कई बार चोटें भी आ जाती है। इनके माता-पिता भी इनके घर वापस आने तक चैन की सांस नहीं लेते। लेकिन इनके पास और कोई उपाय नहीं है।
इलाज के लिए शहर जाना हो या फिर बाजार हर किसी को नदी पार करके ही जाना पड़ता है। तमाम दावों के बावजूद अब तक नदी पर पुल नहीं बन पाया है। अधिकारी भी मानते है कि नदी पर पुल बनाने की सख्त जरुरत है। लेकिन ये कबतक संभव हो पायेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
जिलाधिकारी दीपेंद्र कुमार चौधरी का कहना का कहना है, 'स्कूल जाने के लिए बच्चों को नदी पार करना पड़ता है, इसका समाधान केवल नदी पर पुल बनने से ही होगा।'
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Source : News Nation Bureau