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उत्तराखंड में भारी बारिश से फिर बिगड़े हालात, Landslide से दहशत में लोग!

अगस्त की शुरुआत में धीमे मानसून के बाद, उत्तराखंड में महीने के अंत तक बारिश तेज हो गई, जिससे कई जगह आपदा जैसे हालात बन गए. बागेश्वर में सबसे ज्यादा और पौड़ी गढ़वाल में कम बारिश हुई.

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Ritu Sharma
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Uttarakhand Rains Alert

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Uttarakhand Rains Alert: अगस्त माह के शुरुआती और मध्य दौर में मानसून की रफ्तार धीमी रही, लेकिन जैसे-जैसे माह विदाई की ओर बढ़ा, मानसून ने फिर से जोर पकड़ लिया. उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे पहाड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे कई क्षेत्रों में आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. हालांकि, इस बारिश का सकारात्मक पहलू यह है कि प्रदेश में मौसम का ग्राफ सुधरता नजर आ रहा है, जिससे वर्षा के विचलन में भी वृद्धि दर्ज की गई है.

मानसून के आंकड़ों में हुआ सुधार

आपको बता दें कि मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगस्त के तीसरे सप्ताह तक उत्तराखंड में 265.72 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन मानसून की सुस्ती के चलते इस दौरान केवल 264.76 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई. इस कमी के कारण बारिश का विचलन माइनस चार प्रतिशत पर पहुंच गया था. लेकिन रविवार से मौसम का मिजाज बदलने के बाद झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया, जिससे वर्षा का विचलन एक बार फिर प्लस में आ गया. वर्तमान में प्रदेश में 276.8 मिलीमीटर के सामान्य स्तर के मुकाबले 278.7 मिलीमीटर वास्तविक बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिससे विचलन में एक प्रतिशत का सुधार हुआ है.

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जिलेवार बारिश की स्थिति

वहीं उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में बारिश का हाल मिला-जुला रहा. बागेश्वर में सर्वाधिक 608.2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 242 प्रतिशत अधिक है. वहीं, पौड़ी गढ़वाल में सबसे कम वर्षा 153.3 मिलीमीटर दर्ज की गई, जो सामान्य से 53 प्रतिशत कम रही. अन्य जिलों की बात करें तो अल्मोड़ा में 180 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से एक प्रतिशत अधिक है. नैनीताल, चंपावत और हरिद्वार में भी सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है, जबकि उत्तरकाशी में 22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्षा सामान्य से अधिक रही.

मानसून की विदाई के संकेत

इसके अलावा आपको बता दें कि अगस्त के चौथे सप्ताह में मानसून के विदाई के संकेत मिलने लगे हैं, लेकिन बारिश के मौजूदा दौर से स्थिति में सुधार की संभावना है. प्रदेश में अब तक की बारिश के आंकड़े दर्शाते हैं कि मानसून की विदाई से पहले एक बार फिर से अच्छी बारिश हो सकती है. हालांकि, लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है, लेकिन यह बौछारें प्रदेश के लिए मौसम के दृष्टिकोण से लाभकारी साबित हो सकती हैं.

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