उत्तराखंड के चमोली जिले के उच्च हिमालय क्षेत्र में करीब 15,000 फुट की उंचाई पर स्थित प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के कपाट शुक्रवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गये. दिल्ली और पंजाब से आये 125 से अधिक तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे के साथ सुबह नौ बजे श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट खोले जाने की परंपरागत रस्म अदा की गई. सीमा सड़क संगठन और सेना की एक टुकड़ी भी पहले दिन की पूजा में शरीक हुई. हेमकुंड गुरूद्वारे के साथ ही वहां स्थित लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गये.
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे और लक्ष्मण मंदिर के कपाट खोले जाने पर सभी श्रद्धालुओं को बधाई और शुभकामनायें दीं . उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस वर्ष यहां सीमित संख्या में यात्रियों को जाने की अनुमति दी जा रही है. इस संबंध में उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध भी किया. कोविड-19 महामारी के चलते इस वर्ष हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के कपाट तीन माह की देरी से खुले हैं. हेमकुंड गुरूद्वारे के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि कोरेना संकट के बीच भी हेमकुण्ड साहिब के दर्शनों के लिए लोगों में उत्साह बना हुआ है.
उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रा अगले माह के पहले सप्ताह तक चलेगी और उसके बाद इस क्षेत्र में हिमपात शुरू होने के कारण उसे शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा . हेमकुंड साहिब पहुंचने के लिए बदरीनाथ से 15 किलोमीटर पहले गोविंदघाट कस्बे से 19 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पडती है . इन 19 किलोमीटर में से छह किलोमीटर की खड़ी चढाई है जो काफी दुरूह होती है .
Source : News Nation Bureau