उत्तराखंड तराई के बडे किसान नेता जगतार बाजवा और सुनीता बाजवा ने दिल्ली में आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के हाथों आप पार्टी की विधिवत सदस्यता ग्रहण करने के बाद बाजपुर समेत पूरे तराई क्षेत्र में आप पार्टी की जीत को और मजबूत कर दिया है. आप पार्टी के मास्टर स्ट्रोक से जहां सुनीता टम्टा बाजवा ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है तो दूसरी ओर पूरी तराई में अब बीजेपी और कांग्रेस के आगे सियासी संकट भी खडा हो गया है. उन्होंने आप पार्टी के कैंपेन कमेटी अध्यक्ष दीपक बाली के साथ मंगलवार देर शाम दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करते हुए आप पार्टी की सदस्यता ली.
आप प्रवक्ता समित टिक्कू ने प्रेस बयान जारी करते हुए बताया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा ही महिला विरोधी रही है. उन्होंने कांग्रेस की कर्मठ कार्यकर्ता रही सुनीता बाजवा की भी अनदेखी की है. कांग्रेस ने उन लोकतंत्र के हत्यारों को टिकट देने का काम किया है जिनकी वजह से लोकतंत्र 2016 में शर्मसार हुआ. समित ने बताया कि आप पार्टी हमेशा से ही मातृशक्ति का सम्मान करती आई है. उन्होंने आगे बताया कि डूबता जहाज बन चुकी कांग्रेस ने जहां सुनीता बाजवा की अनदेखी की तो आप ने सुनीता का सम्मान करते हुए उन्हें हाथों हाथ पार्टी में ले लिया है. सुनीता बाजवा 2017 में विधानसभा चुनाव लड चुकी हैं और उन्हें 42329 मत हासिल हुए थे.
उनके पति जगतार बाजवा एक किसान नेता हैं और दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान उनकी किसान आंदोलन में बहुत बडी भूमिका रही है. बाजवा परिवार के आप पार्टी में आने से जहां सिख समुदाय आप पार्टी से जुडेगा वहीं लाखों किसानों का सीधा साथ भी आप पार्टी को मिलने जा रहा है. सुनीता बाजवा और जगतार बाजवा के आने से पूरे यूएस नगर में आप पार्टी काफी मजबूत हुई है. आप पार्टी ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों के साथ खडे होकर तीनों बिलों का लगातार विरोध किया था जिस दौरान आप के नेता दिल्ली बॉर्डर समेत प्रदेश के कई किसान सम्मेलनों में किसानों का समर्थन करने पहुंचे. आप पार्टी ने किसानों के लिए अलग से संकल्प पत्र जारी करते हुए पूरे यूएस नगर में दो बार यात्राओं का आगाज किया था. आप के वरिष्ठ नेता भगवंत मान ने यूएस नगर में किसानों के हक में किसान न्याय संकल्प यात्रा भी निकाली थी, जिसमें कई किसान आप पार्टी का समर्थन करते नजर आए.
Source : News Nation Bureau