सिर पर 25 हजार का इनाम... डमी बनकर परीक्षा में बैठने वाली वर्षा बिश्नोई गिरफ्तार

डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने के बदले वर्षा बिश्नोई मोटी रकम वसूलती थी. जब एसओजी टीम ने उसे पकड़ने के लिए दबिश दी, तब वह पहले ही फरार हो चुकी थी. इसके चलते एसओजी ने वर्षा बिश्नोई की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.

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Garima Sharma
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Varsha Bishnoi arrested

सिर पर 25 हजार का इनाम... डमी बनकर परीक्षा में बैठने वाली वर्षा बिश्नोई का गिरफ्तार

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राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 में धांधली के मामले ने एक नया मोड़ लिया है. डमी अभ्यर्थी बनकर परीक्षाएं देने वाली वर्षा बिश्नोई को हाल ही में जोधपुर रेंज के आईजी की टीम ने कोटा से गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी वर्षा के लंबे समय से फरार रहने के बाद हुई है, और अब उससे स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप मुख्यालय जयपुर में पूछताछ की जाएगी.

वर्षा बिश्नोई गिरफ्तार

वर्षा बिश्नोई जालोर के सांचौर के सरनाऊ गांव की रहने वाली है और वह जोधपुर में सरकारी टीचर के पद पर नियुक्त थी. जांच में पता चला कि वर्षा ने कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बनकर बैठने का काम किया था. एसआई जगदीश सिहाग ने वर्षा को अपनी बहनों इंदुबाला और भगवती के स्थान पर डमी कैंडिडेट बनाकर परीक्षा में बैठने का आदेश दिया था. इसके लिए वर्षा ने 15-15 लाख रुपये की मांग की थी.

कैसे हुआ खुलासा?

मार्च 2024 में जब एसओजी ने एसआई जगदीश सिहाग से पूछताछ की, तो वर्षा का नाम सामने आया. इसके बाद वर्षा फरार हो गई, जिसके चलते एसओजी ने उसे पकड़ने के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया. जांच में यह भी सामने आया कि वर्षा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने का काम करती थी.

ऑपरेशन डॉक्टर फिक्सिट

जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने बताया कि इस पेपर लीक कांड की जांच पिछले छह महीनों से चल रही थी. वर्षा की लोकेशन कोटा में मिली, और ऑपरेशन डॉक्टर फिक्सिट के तहत उसे गिरफ्तार किया गया. वर्षा ने एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर के घर पर फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ नाम बदलकर पीजी में रह रही थी. गिरफ्तारी के समय उसने खुद का नाम विमला बताकर फर्जी आधार कार्ड पेश किया, लेकिन पूछताछ के दौरान उसका झूठ पकड़ा गया.

जगदीश सिहाग की कहानी

वर्षा के साथ-साथ, एसआई जगदीश सिहाग का भी नाम इस मामले में सामने आया है. वह 2014 में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित हुआ था और उसकी पहली नियुक्ति बालोतरा (बाड़मेर) में हुई थी. पहले भी वह एक मामले में रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था, लेकिन बाद में बरी हो गया था. जगदीश का करियर विवादों से भरा रहा है और अब उसे भरतपुर एसपी ऑफिस से गिरफ्तार किया गया है.

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