पश्चिम बंगाल के दो जिलों - कोलकाता और उत्तर 24 परगना - में 1 मई से लेकर अब तक कोविड-19 के कारण जितनी मौतें हुई हैं, वे राज्य में हुईं कुल मौतों के 50 प्रतिशत से अधिक हैं. इस रिपोर्ट ने राज्य सरकार को इन दो हॉटस्पॉट के लिए अतिरिक्त उपाय करने के लिए प्रेरित किया है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 1 मई से राज्य में दर्ज की गई 1,249 कोविड मौतों में से अकेले उत्तर 24 परगना और कोलकाता में 674 लोगों की मौत हो गई है. कोलकाता में 313 मौतें होने की सूचना है, वहीं उत्तर 24 परगना जिले में पिछले 11 दिनों में 361 मौतें दर्ज की गईं. इन दोनों जिलों में मरने वालों की कुल संख्या राज्य के कुल आंकड़ का 51.9 प्रतिशत है.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है, मगर वास्तविकता कुछ अलग है. 2 मई को तृणमूल कांग्रेस के विधानसभा चुनावों के बाद, ममता ने 4 मई को तीसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और उसी दिन वायरस के प्रसार की जांच करने के लिए कई उपायों की घोषणा की. हालांकि, उस दिन से मौत का आंकड़ा काफी बढ़ गया है.
2 मई को, राज्य में 92 मौतों की सूचना आई, जो 4 मई को 107 तक पहुंच गई और तब से मौतों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती रही. 6 मई को मौतों की संख्या 117 थी जो 8 मई को 127 तक पहुंच गई, 9 मई को थोड़ी कम 124 रही, मगर आंकड़ा क्रमश: 10 मई और 11 मई को 134 और 132 तक चढ़ गया. मृत्युदर में यह उल्लेखनीय वृद्धि निश्चित रूप से राज्य सरकार के लिए चिंता का कारण है, जिसने दो जिलों के लिए अतिरिक्त उपाय करने के लिए सोचने के लिए मजबूर किया है. यहां तक कि केंद्र ने भी इन दोनों जिलों में हुईं ज्यादा मौतों पर ध्यान दिया है.
हालांकि, राज्य सरकार अभी तक पश्चिम बंगाल में पूर्ण तालाबंदी करने की नहीं सोच रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री बनर्जी ने मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय, गृह सचिव एच.के. दिवेदी, स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम, डीजी वीरेंद्र और कोलकाता पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा के साथ बैठक कर कोलकाता और उत्तर 24 परगना के शहरी क्षेत्रों में कुछ प्रतिबंध लगाने की योजना पर चर्चा की.
Source : IANS