भारतीय खुफिया एजेंसियों को उनके बांग्लादेशी समकक्षों द्वारा हेफाजत-ए-इस्लाम आतंकवादियों के पश्चिम बंगाल और असम जैसे पड़ोसी भारतीय राज्यों में भागने के संबंध में अलर्ट जारी किया गया है. बांग्लादेश ने आतंकी गतिविधियों में शामिल कट्टरपंथियों को लेकर सतर्क किया है, जो हाल ही भारत में हुए विधानसभा चुनाव के समय पकड़े भी गए थे. एक केंद्रीय खुफिया एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने इस्लामिक कट्टरपंथी समूह द्वारा मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा का विरोध करने वाले हिंसक अभियान के बाद हेफाजत-ए-इस्लाम पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है.
50 से अधिक शीर्ष हेफाजत नेताओं और आतंकवादी समूहों से संबंधित कुछ अन्य इस्लामवादी जिहादियों को गिरफ्तार किया गया है. हेफाजत को समर्थन देने के लिए लगभग 300 दाताओं की पहचान की गई है. गिरफ्तार होने वालों में मामूनुल हक जैसे शीर्ष हेफाजत नेता शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर अब स्वीकार किया है कि उनके समूह ने खुद को हसीना सरकार को गिराने और बांग्लादेश में तालिबान की तरह के इस्लामिक राज्य की स्थापना का उद्देश्य निर्धारित किया था.
बांग्लादेश के खुफिया अधिकारियों ने भारतीय समकक्षों से इस समूह से जुड़े आतंकियों की घुसपैठ के संबंध में सूचना साझा की है. उन्होंने भारतीय एजेंसियों से कहा है कि उनके पास ऐसी रिपोर्टें हैं कि कुछ हेफाजात से जुड़े आतंकी या तो पश्चिम बंगाल और असम जैसे भारतीय राज्यों में भाग गए हैं या फिर भागने की कोशिश कर रहे हैं.
शीर्ष केंद्रीय खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, हम उनके अलर्ट को गंभीरता से ले रहे हैं, क्योंकि इस्लामवादी कट्टरपंथी भागकर आसानी से पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में घुल-मिल सकते हैं, जहां प्रशासन और पुलिस हाल ही में चुनाव प्रक्रिया पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हमने राज्य पुलिस बलों और बीएसएफ को अतिरिक्त सतर्क रहने के लिए अलर्ट किया है. पिछले सप्ताह, असम में जमात उल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को पकड़ा गया था.
आपको बता दें कि पुलिस हिरासत में रह रहे हेफाजत-ए-इस्लाम के संयुक्त महासचिव मामूनुल हक ने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत यात्रा के खिलाफ बांग्लादेश में हिंसा भड़काने की बात कबूल की है. हक ने कहा, यदि शेख हसीना की सरकार गिरती है, तो कोई भी हेफाजत के समर्थन के बिना सत्ता में नहीं आ सकता.
हेफाजत-ए-इस्लाम समूह ने मोदी की बांग्लादेश यात्रा पर मार्च में देशव्यापी हिंसक विरोध प्रदर्शन किया। घटना में कम से कम 16 लोग मारे गए थे. हक ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह गैर-मुस्लिम लोगों, खुले विचारकों और प्रगतिशील नेताओं के साथ-साथ अवामी लीग और पीएम शेख हसीना को भी देश की सत्ता हथियाने के लिए उकसाया था.
Source : IANS