तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए तैयार है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को पश्चिम बंगाल की जनता को यह जीत समर्पित की. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा दोनों पर कटाक्ष भी किया. बंगाल के चुनावी रण में भले ही टीएमसी ने जीत हासिल की है, लेकिन खुद सीएम ममता बनर्जी नंदीग्राम के संग्राम में हार गई हैं. नंदीग्राम में वोटों की गिनती शुरू होने के साथ ही ममता कभी आगे निकल रही थीं तो कभी पिछड़ रही थीं. हालांकि अंत में बीजेपी ने उनकी 1,600 वोटों से हार का दावा किया है.
पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने एक दर्जन से अधिक अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा. मगर रुझानों से लग रहा है कि तृणमूल ने स्टारडम का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है, जबकि भगवा पार्टी ग्लैमर भागफल को भुनाने में विफल रही है.
ममता बनर्जी ने खुद अपनी हार स्वीकार कर ली हैं, हालांकि उन्होंने अदालत जाने की बात भी कही. ममता बनर्जी ने कहा कि किसी एक सीट से फर्क नहीं पड़ता. ममता बनर्जी के अलावा बीजेपी के भी कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. आइये देखते हैं इस चुनाव में किन दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा.
आसनसोल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो भी विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. उन्हें विधानसभा चुनाव में टॉलीगंज सीट से टिकट दिया गया था. हालांकि, इस सीट पर बाबुल सुप्रियो कुछ खास करिश्मा नहीं दिखा सके. यहां टीएमसी के उम्मीदवार अरूप बिसवास के खाते में 65 हजार 638 आ गए हैं तो वहीं बाबुल को महज 31 हजार 886 वोट मिले.
राज्यसभा की सदस्यता छोड़ बीजेपी में शामिल हुए स्वपनदास गुप्ता शुरुआती रुझानों में ही पिछड़ गए थे. वह तारकेश्वर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. यहां उनका सामना टीएमसी के रामेंदु सिंहाराय से था. रामेंदु सिंहाराय को यहां अभी तक की मतगणना में 46 हजार 580 वोट मिले हैं तो वहीं दासगुप्ता को 39 हजार 967 वोट मिले हैं.
हाबरा सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी नेता राहुल सिन्हा को भी टीएमसी की ज्योति प्रिया मलिक से हार मिलते दिख रही है. यहां मलिक को अभी तक 24 हजार 664 वोट मिल चुके हैं तो वहीं राहुल सिन्हा को सिर्फ 17 हजार 401 मत मिले हैं.
चुंचुरा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार लॉकेट चटर्जी भी टीएमसी के प्रतिद्वंद्वी से पीछे होती दिख रही हैं. तृणमूल कांग्रेस के असित मजूमदार (तपन) को यहां से अभी तक 55 हजार 40 वोट मिले हैं तो वहीं लॉकेट चटर्जी के हिस्से में 49 हजार 919 वोट मिले हैं.
मोयना सीट पर पूर्व क्रिकेटर अशोक डिंडा भी टीएमसी के उम्मीदवार से पीछे चल रहे हैं. टीएमसी की तरफ से संग्राम कुमार डोलाई को अभी तक 50 हजार 411 वोट मिले हैं. वहीं, अशोक डिंडा को अभी तक 43 हजार 321 वोट मिले हैं.
Source : News Nation Bureau