पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा कि बढ़ती राजनीतिक हिंसा के कारण राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ‘‘कश्मीर से बदतर’’ हो गयी है और ‘‘ ईरान तथा इराक के समान’’ है. उन्होंने तृणमूल सरकार पर स्थानीय निकाय चुनाव को देर से करवाने का आरोप भी लगाया.
उन्होंने शहर में पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ अगर नगर निगम चुनाव हैदराबाद और असम में हो सकते हैं तो यहां क्यों नहीं? स्थिति कश्मीर से भी खराब तथा ईरान तथा इराक के समान है। दीदी (ममता बनर्जी) ने साबित कर दिया है कि पश्चिम बंगाल की कानून एवं व्यवस्था चुनाव कराने के अनुकूल नहीं है.’’ उन्होंने ममता बनर्जी सरकार को कोलकाता नगर निगम चुनाव के साथ-साथ स्थानीय निकायों में चुनाव कराने की चुनौती दी.
घोष ने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में भाजपा को प्रचार नहीं करने दिया गया था और उनके कार्यकर्ताओं की पिटाई कर उन्हें मतदान केन्द्रों से भी निकाल दिया गया था. उन्होंने कहा कि तृणमूल को इस बार कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और स्थानीय निकाय दोनों चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा. राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार मार्च के शुरुआत में केएमसी चुनाव कराना चाहती है. इसके बाद ही घोष का यह बयान आया है.
भाजपा ने अक्टूबर में एसईसी अधिकारियों से मुलाकात कर केएमसी चुनाव विधानसभा चुनाव से पहले कराने का अनुरोध किया था. नगर निगम चुनाव यहां अप्रैल 2020 में होने थे, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राज्य सरकार ने उसे स्थगित कर दिया था। राज्य में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2021 में होने भी संभावना है.
Source : Bhasha