पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच खींचतान जारी है. दोनों पार्टियां बंगाल में सत्ता पर काबिज होने के लिए कोई दांवपेंच जारी है. बुधवार को भाजपा को पश्चिम बंगाल में बड़ी बढ़त मिली है. बंगाली एक्टर भाजपा के रथ में सवार हो गए. इस दौरान पश्चिम बंगाल में भाजपा के चुनाव प्रभारी और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक्टर यश दासगुप्ता को भाजपा की सदस्यता दिलाई है. एक्टर यश दासगुप्ता के बीजेपी में शामिल होने से सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में खलबली मच गई है. एक्टर यश दासगुप्ता टीएमसी सांसद नुसरत जहां के करीबी माने जाते हैं.
पश्चिम बंगाल में आने वाले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाला है. हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग की ओर से बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल की सत्ता में तीसरी बार काबिज होने के लिए पूरी जोड़तोड़ लगी हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी बंगाल में पहली बार अपनी सरकार बनाने के लिए जोरशोर जुटी हई है. पिछले दिनों टीएमसी के कई दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हो गए थे. इसी क्रम में बंगाली एक्टर यश दासगुप्ता ने भाजपा का दामन थाम लिया है.
Bengali actor Yash Dasgupta joins Bharatiya Janata Party, in Kolkata pic.twitter.com/GUyC6j9rmy
— ANI (@ANI) February 17, 2021
पश्चिम बंगाल चुनाव में अब मां सरस्वती की एंट्री, BJP-TMC में लगी ये होड़
एक बार फिर पश्चिम बंगाल में खुद को हिंदू हितैषी बताकर सरस्वती पूजा करने की मानो सभी राजनीतिक पार्टियों में होड़ मची हुई है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से जहां बड़े पैमाने पर हुगली जिले में सरस्वती पूजा की जा रही है तो वहीं भाजपा भी इसमें पीछे नहीं हैं. भाजपा की ओर से भी हुगली जिले में कई जगह सरस्वती पूजा का आयोजन किया गया है, जिसमें भाग लेने के लिए अब केंद्रीय मंत्री भी पहुंच रहे हैं.
इसी तरह के एक पूजा पंडाल में भाग लेने के लिए केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी पहुंचे. यहां पूजा-अर्चना के बाद
बाबुल सुप्रियो ने ममता बनर्जी के उस फैसले पर हमला किया, जिसमें वह 22 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डनलप में होने वाली सभा के ठीक बाद 24 फरवरी को उसी डनलप मैदान में सभा करने वाली हैं.
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि सिर्फ ऑल इंडिया लिख लेने से टीएमसी ऑल इंडिया पार्टी नहीं बन जाती हैं, क्योंकि वह जहां भी गई है वहां उन्हें करारी हार मिली है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 22 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के बाद 24 फरवरी को ममता बनर्जी वहां सभा करने जा रही हैं और 2 दिन बाद 26 को अगर बाबुल सुप्रियो वहां सभा करने जाए तो कम से कम उन्हें नहीं रोकना चाहिए.
Source : News Nation Bureau