Birbhum Violence : पश्चिम बंगाल के जिले बीरभूम जिले में हुई हिंसा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. इस दौरान HC ने कहा कि सबके सामने सच जरूर आना चाहिए. आपको बता दें कि बीरभूम जिले में हुई हिंसा की घटना में आठ लोगों की जलकर मौत हो गई थी, जिसमें 2 बच्चे भी शामिल थे. बंगाल में हिंसा और अराजकता से ममता की सरकार विपक्ष के निशाने पर आई है.
बीरभूम हिंसा मामले में सुनवाई के दौरान कोलकाता हाईकोर्ट ने गुरुवार तक पुलिस को केस डायरी लाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि गवाहों को वह सुरक्षा उपलब्ध कराए. जिस इलाके में हिंसा की इस जघन्य घटना को अंजाम दिया गया है, वहां किसी भी चीज से छेड़छाड़ न करने के निर्देश दिए गए हैं.
HC ने कहा कि इलाके में इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. हाईकोर्ट के निर्देश पर क्राइम सीन पर कैमरे से नजर रखी जाएगी. साथ ही घटनास्थल से सबूत इकट्ठा करने के लिए दिल्ली से फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है. जब तक घटनास्थल से यह टीम जरूरी चीजें बरामद नहीं कर लेती है तब तक उस जगह की सख्त निगरानी की जाएगी. हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस डिविजन बेंच ने गुरुवार तक इस मामले की स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है.
उधर, इस हिंसा पर विपक्ष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है. इस पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अफसरों को तुरंत हटा दिया गया है. हत्याओं को सही नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और बिहार जैसे राज्यों में भी ऐसी घटनाएं होती हैं. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने घटना को भयावह करार देते हुए राज्य को हिंसा और अराजकता की संस्कृति की गिरफ्त में होने का दावा किया है. इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
Source : News Nation Bureau