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बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग, ममता को गवर्नर के चुभते सवाल... इतना बवाल क्यों?

पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक हिंसा की घटनाएं उतनी ही तेजी से बढ़ रही हैं. लगातार बंगाल में पार्टियों के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है.

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Dalchand Kumar
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Mamata Banerjee

बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग, ममता को गवर्नर के चुभते सवाल!( Photo Credit : फ़ाइल फोटो)

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पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक हिंसा की घटनाएं उतनी ही तेजी से बढ़ रही हैं. लगातार बंगाल में पार्टियों के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. कल ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर भी हमला बोला गया. भीड़ ने उनकी कार पर पत्थर बरसाए, जिसमें उनकी कार से शीशे टूट गए. जिसके बाद अब बीजेपी राज्य की ममता सरकार पर हमलावर हो चुकी है और बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है. तो उधर, बंगाल में बढ़ती राजनीतिक हिंसा से राज्यपाल भी नाखुश हैं. उन्होंने संविधान के हिसाब से सख्त कदम उठाने की बात कही है.

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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दिलीप घोष के काफिले में पथराव के बाद उसमें शामिल कारों के क्षतिग्रस्त होने के बाद कहा कि राज्य में राजनीतिक हिंसा के नियंत्रण का कोई संकेत नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में राजनीतिक हिंसा और प्रतिशोध का माहौल व्याप्त है. उन्होंने कहा, 'बंगाल में विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है. यहां भी अफसर राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं.  

धनखड़ उत्तर बंगाल के एक महीने के दौरे पर हैं. कूचबिहार में संवाददाताओं से राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, 'राजनीतिक हिंसा के नियंत्रण का कोई संकेत नहीं है. इसका कारण यह है कि लोकसेवक राजनीतिक कार्यकर्ता बन गए हैं.'  उन्होंने इससे पहले भी आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में पुलिस और नौकरशाही का राजनीतिकरण किया जा रहा है. उन्होंने लोक सेवकों को राजनीतिक पदाधिकारियों की तरह काम नहीं करने के लिए कहा था.

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उधर, बीजेपी ने पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या और उन पर हो रहे हमलों के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की. दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि पुलिस टीएमसी की कैडर की तरह काम कर रही है. उन्होंने कहा, 'पुलिस की मौजूदगी में नेताओं पर हमले हो रहे हैं, लेकिन एक भी मुकदमा दर्ज नहीं होता. ममता खुद चाह रही हैं कि बंगाल में 356 लागू हो जाए. इस तरह से वह केंद्र सरकार को इसके लिए मजबूर कर रही हैं, ताकि चुनाव के दौरान वह विक्टिम कार्ड खेल सकें.' उन्होंने कहा, 'बंगाल के लोग भी कह रहे हैं कि ममता सरकार को होते हुए निष्पक्ष चुनाव नहीं हो पाएंगे. इसलिए बंगाल में राष्ट्रपति शासन जरूरी है.'

Source : News Nation Bureau

West Bengal Dilip Ghosh ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल Mamata Banerjee
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