पश्चिम बंगाल में 30 सितंबर को विधानसभा के उपचुनाव हैं. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी ने भवानीपुर सीट से पेशे से वकील प्रियंका टिबरेवाल को चुनाव मैदान में उतारा है. प्रियंका 2014 में बीजेपी की सदस्यता ली थीं. अगले साल 2015 में ही पार्टी ने उन्हें भाजपी प्रत्याशी के रूप में कोलकाता नगर निगम के चुनाव में उतारा. वार्ड संख्या 58 (एंटली) से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें तृणमूल कांग्रेस के स्वप्न समदार से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद अगस्त 2020 में उन्हें पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया.
प्रियंका ने भवानीपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बनने के बाद ममता बनर्जी पर राजनीतिक हमला किया है. एक ट्वीट कर उन्होंने कहा कि, "मेरे सामने बनी उम्मीदवार (ममता बनर्जी) चुनाव हार चुकी हैं, इसलिए भवानीपुर में उपचुनाव हो रहा है, वे (टीएमसी) पहले ही भवानीपुर जीत चुके थे, लेकिन उन्हें लोकतंत्र या लोग क्या कहते हैं इसकी परवाह नहीं है."
The candidate opposite me (Mamata Banerjee) has lost an election, that's why a by-election is being held in Bhabanipur. They (TMC) had already won Bhabanipur but they don't care for democracy or for what people say: Priyanka Tibrewal, BJP candidate for by-polls to Bhabanipur seat pic.twitter.com/BbXFvkFV2T
— ANI (@ANI) September 10, 2021
एक दूसरे ट्वीट में प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि, "लोगों ने वहां टीएमसी से किसी को जनादेश दिया था लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें हटाने का फैसला किया क्योंकि वह चुनाव लड़ना चाहती थीं. यहां लोकतंत्र की यही स्थिति है. उन्हें लोगों के विचारों और वोटों का कोई सम्मान नहीं है."
People had given mandate to someone from TMC over there but Mamata Banerjee decided to remove him as she wanted to contest. That's the condition of democracy here. They have no respect for people's thoughts & votes: Priyanka Tibrewal, BJP candidate for by-polls to Bhabanipur seat
— ANI (@ANI) September 10, 2021
टिबरेवाल ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें कोलकाता की एंटली विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें तृणमूल कांग्रेस के स्वर्णकमल साहा के हाथों 58,257 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा था.
नंदीग्राम सीट से चुनाव हार गई थी ममता
बता दें कि विधानसभा चुनाव में ममता नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने हरा दिया था. बंगाल का सीएम बने रहने के लिए ममता को भवानीपुर से चुनाव जीतना जरूरी है. भवानीपुर को ममता का गढ़ माना जाता है और वह यहां से दो बार पहले भी चुनाव जीत चुकी हैं. वहीं भवानीपुर के विधायक रहे सोभन देब चट्टोपाध्याय अब खरदाहा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. जिन्होंने ममता के चुनाव लड़ने के लिए भवानीपुर सीट से इस्तीफा दिया था.
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गौरतलब है कि भवानीपुर के अलावा 30 सितंबर को शमशेरगंज और जंगीपुर विधानसभा सीट पर भी वोटिंग होगी. मतगणना तीन अक्टूबर को होगी. बता दें कि उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने नामांकन से पहले और बाद के जुलूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. प्रचार के लिए बाहरी स्थानों पर 50 फीसदी लोगों की मौजूदगी हो सकेगी, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के लिए अधिकतम 20 स्टार प्रचारक होंगे और मतदान खत्म होने से पहले 72 घंटे के दौरान प्रचार पर पाबंदी रहेगी.
HIGHLIGHTS
- प्रियंका ने कहा कि मेरे सामने हैं हारी हुई प्रत्याशी
- भाजयुमो की उपाध्यक्ष हैं प्रियंका टिबरेवाल
- 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा के लिए उप चुनाव