सीमा सुरक्षा बल ने पश्चिम बंगाल के नदिया जिला के सीमावर्ती इलाके से शनिवार रात को एक भारतीय दलाल के साथ तीन बंगलादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. ये सभी गिरफ्तार लोग सीमा पार कर भारत से बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहे थे. इन लोगों की पहचान मोहमद आलम, उम्र 23 साल, मोहमद सुमन, उम्र 27 साल, एवं मोनोयारा, उम्र 36 साल, के रूप में हुई है. ये सभी लोग बांग्लादेश से हैं. इसके साथ नदिया जिला के चंदन मंडल, उम्र 38 साल, को भी गिरफ्तार किया गया है.
सीमा सुरक्षा बल के द्वारा जारी किए गए बयान में बताया गया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सीमा चौकी महेंद्रा के इलाके से तीन से चार लोगो को सीमा पार जाने की सूचना के आधार पर जवानों ने नेमोपाड़ गांव के समीप गिरफ्तार किया। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने एक ऑटो रिक्शा से इन लोगों को रोक कर पूछताछ की. जब पूछताछ करने पर उसमें सवार तीन यात्री और चालक में से कोई भी सन्तोष जनक जवाब नहीं दे पाने की स्थिति में आगे की पूछताछ के लिए सीमा चौकी महेंद्रा लाया गया.
200 बांग्लादेशी गैर कानूनी तरीके से रहते हुए त्रिप्पुर के कपड़ा मिलों में कर रहे है काम
आगे उन्होंने खुलासा किया कि उस मिल में 200 के आसपास और भी बंग्लादेशी नागरिक गैर कानूनी तरीके से रहते हुए काम कर रहे हैं. साथ ही दोनों ने बताया कि त्रिप्पुर में कपड़े की तीन से चार और भी मिलें हैं जिनमें तकरीबन कार्मिक बांग्लादेशी नागरिक ही है, जो सभी गैर कानूनी तरीके से भारत आए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि जहां पर वे काम करते हैं वहीं पर उनके भारतीय जाली पहचान संबंधित कागजात भी बनाकर दिए गए हैं। पूछताछ में मिले तथ्यों से साफ है कि संगठित तरीके से वहां बांग्लादेशियों की पूरी कॉलोनी ही बसा दी गई है.
मोनोयरा ने बताया की वह दो साल पहले भारत आई थी और मुम्बई के कल्याण में बाई का काम करती थी। और आज भारतीय दलाल सागर बिस्वास की मदद से वापस बांग्लादेश जा रही थी, जिसके लिए उसने सागर बिस्वास को 3000/ रूपये भी दिए हैं. बीएसएफ डीआइजी व प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बांग्लादेशियों से पूछताछ में बेहद ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. मोहमद आलम और मोहम्मद सुमन ने बताया कि वे छह महीने पहले गैर कानूनी तरीके से भारत आए थे.
Source : News Nation Bureau