कलकत्ता हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी को पश्चिम बंगाल में रथयात्रा निकालने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को झटका देते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने बीजेपी को तीन रथयात्राएं निकालने की अनुमति दे दी है. इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने बीजेपी की रथयात्रा को अनुमति देने से मना कर दिया था, जिसके बाद बीजेपी ने कोर्ट में सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. फैसले में हाई कोर्ट ने प्रशासन से यह भी कहा है, सुरक्षा मानकों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए. बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार डबल बेंच में अपील कर सकती है. बीजेपी 21 जनवरी से 5 फरवरी तक राज्य में रथयात्रा निकालने की तैयारी में है. पार्टी की योजना यह है कि सभी लोकसभा सीटों से होकर रथयात्रा गुजरे.
इससे पहले हाईकोर्ट ने बीजेपी से रथ यात्रा को लेकर तीन संभावित तारीख मांगी थी. इसके साथ ही कोर्ट ने 13 दिसंबर को बीजेपी प्रतिनिधियों और राज्य सरकार के बीच हुई बैठक की वीडियो फुटेज के लिए भी एडवोकेट जनरल (राज्य सरकार) से पूछा. ममता बनर्जी सरकार ने बीजेपी की रथ यात्रा की इजाज़त नहीं दी थी. इस मामले पर टीएमसी ने कहा था, बीजेपी की रथ यात्रा से अव्यवस्था फ़ैल सकती है और ट्रैफिक को लेकर भी दिक्कतें हो सकती है. बताई गई अवधि के दौरान कई मुख्य त्यौहार होने है, जिसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की जरूरत होगी.'
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, 'हमारे लिए कोर्ट के दरवाजे खुले है. कोर्ट के आदेश पर हम टीएमसी के साथ बैठे लेकिन उन्होने रथ यात्रा की इजाज़त नहीं दी. हम पश्चिम बंगाल हाई कोर्ट में अपील करेंगे.'
बता दें कि ममता सरकार के रथ यात्रा पर बैन लगाने के बाद बीजेपी हाईकोर्ट गई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने ममता सरकार के आदेश को खारिज कर दिया था. इसके साथ ही हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने शुक्रवार (7 दिसंबर) बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों को राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से 12 दिसंबर तक मुलाकात करने के निर्देश दिए था. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को बीजेपी के साथ बैठक करने एवं संबंधित निर्णय को 15 दिसंबर तक बताने का निर्देश दिया था. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस कर ममता सरकार पर करारा हमला बोला था.