केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले में लॉटरी पुरस्कार के दृष्टिकोण से जांच कर रही है. एजेंसी ने एक और लॉटरी इनाम का पता लगाया है, जो इस तरह का छठा उदाहरण है. हालांकि पहले के पांच लॉटरी पुरस्कारों के विपरीत, जो या तो तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल या उनकी बेटी सुकन्या मंडल के खाते में गए थे, छठा पुरस्कार इनामुल हक के पक्ष में गया है, जो पशु तस्करी घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक है.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इनामुल हक के बैंक खातों से उन्हें पता चला है कि वर्ष 2017 में उनके खाते में लॉटरी पुरस्कार के रूप में 50 लाख रुपये जमा हुए थे. संयोग से हक को मिलने वाला यह पुरस्कार भी उसी लॉटरी कंपनी का था, जिनके पांच पुरस्कार अनुब्रत मंडल और सुकन्या मंडल को मिले थे. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को अब लगभग यकीन हो गया है कि एक विशिष्ट अवधि के भीतर इतने सारे लॉटरी पुरस्कार महज संयोग की बात नहीं हो सकते हैं और इन लॉटरी पुरस्कारों का पशु तस्करी आय के डायवर्जन के साथ कुछ संबंध है.
उन्हें संदेह है कि लॉटरी पुरस्कार किसी और द्वारा जीता गया हो सकता है, जिसने उस पुरस्कार का दावा करने के बजाय एक निश्चित राशि के खिलाफ तीसरे पक्ष को लॉटरी बेची और उस तीसरे पक्ष ने बेहिसाब धन को खाते में बदलने के लिए लॉटरी पुरस्कार का दावा किया.
11 नवंबर को सीबीआई ने सुकन्या मंडल के बैंक खातों की जांच करते हुए सुकन्या मंडल के बैंक खातों में से एक में लॉटरी पुरस्कार के रूप में 50 लाख रुपये का क्रेडिट पाया. यह पांचवीं लॉटरी थी, जिसे सुकन्या मंडल या उनके पिता ने जीता था.
सीबीआई द्वारा खोजे गए रिकॉर्ड के अनुसार जनवरी, 2020 में सुकन्या मंडल को 50 लाख रुपये के पुरस्कार के साथ यह लॉटरी दी गई थी. इस जनवरी में उनके पिता अनुब्रत मंडल ने 1 करोड़ रुपये का लॉटरी पुरस्कार जीता. इसके अलावा सीबीआई ने पहले मंडल और उनकी बेटी के बैंक खातों में जमा तीन समान लॉटरी पुरस्कारों का पता लगाया था.
कुल 51 लाख रुपये की राशि के दो लॉटरी पुरस्कार 25 लाख व 26 लाख रुपये 2018 की अंतिम तिमाही में सुकन्या मंडल के बैंक खाते में दो चरणों में स्थानांतरित किए गए. उसके कुछ महीने बाद 2019 में अनुब्रत मंडल के खाते में 10 लाख रुपये का एक और लॉटरी इनाम ट्रांसफर किया गया.
Source : IANS