पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के पशु तस्करी घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सात सितंबर को दाखिल नए आरोपपत्र में तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी रॉय को गवाह के तौर पर नामित किया गया है. चार्जशीट में बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल का पहली बार जांच एजेंसी द्वारा घोटाले में मुख्य लाभार्थी के रूप में उल्लेख किया गया है. सीबीआई की ताजा चार्जशीट में कुल 95 गवाहों के नाम हैं और इस मामले में 46वां नाम रॉय का है. बीरभूम के सांसद शताब्दी रॉय से संपर्क करने के लिए आईएएनएस द्वारा बार-बार प्रयास विफल रहे.
पब्लिक सेक्टर बैंक के प्रबंधक, सहायक प्रबंधक और कर्मचारी को भी गवाह के रूप में नामित किया गया है.
नई चार्जशीट में सीबीआई ने मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल, उनकी मृत पत्नी स्वर्गीय चोबी मंडल और उनके कुछ करीबी पारिवारिक संबंधों के नाम पर 18 करोड़ रुपये के फिक्स्ड डिपोजिट का उल्लेख किया है. फिक्स्ड डिपोजिट के अलावा, चार्जशीट में कुछ अन्य बचत बैंक खातों के विवरण के साथ-साथ मंडल परिवार की चल संपत्ति से संबंधित 53 अन्य दस्तावेज भी हैं.
11 अगस्त को पशु तस्करी घोटाले के सिलसिले में सीबीआई के अधिकारियों द्वारा अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद से, शताब्दी रॉय पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त करने में मुखर रही हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि ऐसे कई लोग हैं जिन्हें इस मामले में मंडल का सहयोग मिला है, इसलिए यह सभी का कर्तव्य है कि संकट की इस घड़ी में उनके प्रति एकजुटता व्यक्त करें. मंडल फिलहाल पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले में आसनसोल विशेष सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में है.
सीबीआई ने 21 सितबंर, 2020 को मवेशियों के कथित अवैध सीमा पार व्यापार के आरोप के बाद केस दर्ज किया था. सीबीआई ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर चल रहे एक पशु तस्करी रैकेट में संलिप्तता के लिए बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार और विनय मिश्रा समेत छह अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
Source : IANS