पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले में सहगल हुसैन से पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल के बॉडीगार्ड के प्रोडक्शन वारंट के लिए दिल्ली की एक विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. ईडी के सूत्रों ने कहा कि मामला सोमवार को नई दिल्ली के राउज एवेन्यू में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में सुनवाई के लिए आएगा.
11 अक्टूबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति र्तीथकर घोष की एकल-न्यायाधीश पीठ ने इस मामले में ईडी द्वारा एक याचिका को खारिज कर दिया.
ईडी की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति घोष ने कहा कि उचित और वैध उत्पादन दस्तावेज के बिना केंद्रीय एजेंसी को हुसैन को नई दिल्ली ले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और केवल पीएमएलए अदालत ही उस पेशी वारंट को जारी कर सकती है.
अपने अवलोकन में उन्होंने इस मामले में कई अदालतों के विकल्प को खुला रखने की ईडी की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई.
ईडी के सूत्रों ने कहा कि उनके अधिकारियों के पास पश्चिमी बर्दवान जिले के आसनसोल विशेष सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में हुसैन से पूछताछ करने की अदालत की अनुमति है, लेकिन सीमित अवधि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जवाब पाने के लिए पर्याप्त नहीं है.
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, इसीलिए हम उसे नई दिल्ली ले जाना चाहते हैं और वहां एजेंसी के मुख्यालय में उससे पूछताछ करना चाहते हैं.
इस बीच, पशु तस्करी घोटाले में समानांतर जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी नई चार्जशीट में तीन कंपनियों के नामों का उल्लेख किया है.
अनंत ट्रेडकॉम प्राइवेट लिमिटेड, हॉक मर्के टाइल प्राइवेट लिमिटेड और हॉक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड मूल रूप से शेल कंपनियां थीं, जो किंगपिन, एनामुल होक द्वारा पशु तस्करी से प्राप्त आय में हेरफेर करने का काम करती थी.
चार्जशीट में सीबीआई ने पहली बार मंडल को घोटाले का प्रत्यक्ष लाभार्थी बताया.
मंडल भी इस समय आसनसोल में हुसैन के सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में है.
Source : IANS