Kolkata Rape Murder Case का CCTV Footage आया सामने! कमजोर दिल वाले न देखें
सीसीटीवी फुटेज से इन नौ लोगों की पहचान की गई, जिसके तुरंत बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया. हॉस्पिटल के अंदर मचे उपद्रव के बाद अस्पताल के अंदर की जो तस्वीरें सामने आई हैं
Kolkata Murder Case : पश्चिम बंगाल इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है. दरअसल कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में जहां एक लेडी डॉक्टर के साथ रेप हुआ, फिर उसकी हत्या कर दी गई. उसी अस्पताल में बुधवार को आधी रात अचानक कुछ प्रदर्शनकारी घुस गए और जमकर तोड़फोड़ की गई. इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नौ लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस सूत्रों का कहना है कि घटना के ठीक बाद रात कोलकाता पुलिस ने मामला दर्ज किया था. मामले से जुड़े कई सीसीटीवी फुटेज बरामद किए गए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है.
पुलिस सूत्रों का दावा है कि वह आरोपी भीड़ की पहचान कर रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज से इन नौ लोगों की पहचान की गई, जिसके तुरंत बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया. हॉस्पिटल के अंदर मचे उपद्रव के बाद अस्पताल के अंदर की जो तस्वीरें सामने आई हैं. वह आधी रात को हुई घटना की पूरी कहानी बयां कर रही हैं. हॉस्पिटल के बाहर देर रात प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच शामिल कुछ अज्ञात लोग अचानक से अंदर घुस गए और उत्पात मचाना शुरू कर दिया. गुस्साए प्रदर्शनकारी अस्पताल के दरवाजे खिड़कियां व मेडिकल उपकरण जो भी सामने आया उसे बर्बाद करती चले गए. अस्पताल के उस हिस्से में भी तोड़फोड़ की गई जहां लेडी डॉक्टर के साथ वारदात को अंजाम दिया गया था. अज्ञात प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल के डॉक्टर के साथ भी मारपीट की कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने कहा कि अस्पताल में तैनात पुलिस कर्मियों की संख्या कम थी, जिसके कारण वहां उग्र भीड़ को काबू नहीं किया जा सका.
पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठी चार्ज किया
पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस की गोले दागे. महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर केस में पुलिस ने पूरी ताकत के साथ काम किया, लेकिन लगातार फैलाई जा रही अफवाहों की वजह से हालात बेकाबू हो गए. विनीत गोयल ने आगे कहा कि यहां जो कुछ हुआ है वह पुलिस के लिए चल रहे गलत मीडिया अभियान के कारण हुआ है. कोलकाता पुलिस ने क्या नहीं किया है. पुलिस ने इस मामले में सब कुछ किया है. हमने परिवार को संतुष्ट करने की कोशिश की है, लेकिन अफवाहें उड़ाई जा रही हैं. हमने अभी नहीं कहा कि केवल एक व्यक्ति आरोपी है. हमने कहा है कि हम वैज्ञानिक सबूतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं और इसमें समय लगता है. सिर्फ अफवाहों के आधार पर मैं एक युवा पीजी छात्र को गिरफ्तार नहीं कर सकता यह मेरी अंतरात्मा के खिलाफ है.
मीडिया का बहुत दबाव है. उन्होंने कहा कि मामले से जुड़ी जो इंफॉर्मेशन दी जा रही है वह इंफॉर्मेशन कहीं ना कहीं गलत है. हालांकि अब इन नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.