पश्चिम बंगाल में आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस भी कमर कसती हुई नज़र आ रही है. राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा किया था अब बीजेपी उसी आत्मविश्वास के साथ अपनी रणनीति बना रही है, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस भी पीछे नहीं है. सूबे की सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस वर्चुअल रैली करने को लेकर रणनीति में जुटी हुई है. पश्चिम बंगाल में 23 जिले हैं जिसे कांग्रेस ने 30 संगठनात्मक जिलों में बांटा है.
चुनाव के हिसाब से इन प्रत्येक संगठनात्मक जिलों की जिम्मेदारी किसी ने किसी बड़े एक नेता को या पूर्व केंद्रीय मंत्री को सौंपी जाएगी. ताकि पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में रणनीति के साथ उतर सके. वर्चुअल रैलियों के माध्यम से कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी और ममता बनर्जी को घेरने का काम करेगी. भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना ली गई है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कोरोना महामारी के दौरान दिए गए 20 लाख करोड के पैकेज, आत्मनिर्भर भारत और सीमा विवाद जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी.
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वर्चुअल रैली में भारतीय जनता पार्टी आगे
9 जून को भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पश्चिम बंगाल के लिए एक वर्चुअल रैली का आयोजन किया था. जिसमें करीब ढाई करोड़ लोगों ने शिरकत की थी. उसके बाद जोन वाइज वर्चुअल रैलियां चल रही है. अब 6 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा वर्चुअल रैली करेंगे. उसके बाद भारतीय जनता पार्टी सभी विधानसभा सीटों पर अपनी वर्चुअल रैलियों का सिलसिला शुरू कर देगी.
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क्या भूत तय करेगा भविष्य?
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 294 सीटों में से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पास 224 सीटें हैं. वहीं बीजेपी को 16 सीटों से संतोष करना पड़ा था. राज्य में बीजेपी कमजोर स्थिति में थी. 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी केवल 2 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी. दो साल बाद हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खाते में महज 16 सीटें ही आईं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 44 सीटों पर कब्जा किया था. तो वहीं सीपीएम को 16 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.