राज्यपाल धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी पर साधा निशाना, कहा-कोई भी संविधान से ऊपर नहीं

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राज्य सरकार की सिफारिशों के अनुसार अपनी यात्रा को सीमित करने के लिए कहा तो धनखड़ ने मुख्यमंत्री और सरकार पर निशाना साधा.

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Deepak Pandey
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राज्यपाल धनखड़ ने ममता पर साधा निशाना( Photo Credit : IANS)

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राज्य सरकार की सिफारिशों के अनुसार अपनी यात्रा को सीमित करने के लिए कहा तो धनखड़ ने मुख्यमंत्री और सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि कोई भी संविधान से ऊपर नहीं है और राज्यपाल जैसा संवैधानिक पद प्रशासन अधीन नहीं आता. धनखड़ ने गुरुवार को बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से कूचबहार में उतरने के बाद कहा, "मुख्यमंत्री ने मुझे क्या लिखा? यही कि मुझे राज्य की सिफारिशों का पालन करना होगा. इससे राज्यपाल का पद प्रशासन के अधीन आ जाएगा." राज्यपाल ने सवाल किया, "राज्यपाल केवल राज्य द्वारा अनुशंसित स्थानों पर जाएंगे. क्या भारत के संविधान को सरकार के प्रशासनिक निर्णयों के अंतर्गत आना चाहिए?"

राज्यपाल की यह प्रतिक्रिया ममता बनर्जी द्वारा बुधवार को उन्हें पत्र लिखे जाने के बाद आई है. ममता ने लिखा था कि राज्यपाल को किसी भी स्थान की यात्रा करने के संबंध में अचानक और एकतरफा फैसला नहीं लेना चाहिए. उन्हें सरकार द्वारा की गई सिफारिशों पर अमल करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा था : "राज्यपाल द्वारा जिलों में स्थानों का दौरा करने का कार्यक्रम राज्यपाल के सचिव किसी निजी पार्टी या सरकारी संस्थान की सिफारिश पर तय करते हैं. उससे पहले वह सरकार और डिवीजन के कमिश्नर और जिलाधिकारी से परामर्श लेते हैं. सचिव ही समग्र कार्यक्रम के उचित निष्पादन के प्रभारी होते हैं."

मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य सरकार की सिफारिश के बिना कूचबिहार नहीं जाने के लिए भी कहा था. ममता ने लिखा था, "मुझे सोशल मीडिया से पता चला है कि आप 13-5-2021 को कूचबिहार जिले के लिए एकतरफा कार्यवाही कर रहे हैं और दुख की बात है कि मुझे लगता है कि कई दशकों से विकसित हो रहे लंबे समय के मानदंडों का उल्लंघन हो रहा है. इसलिए, मैं उम्मीद करती हूं कि आप प्रोटोकॉल के सुस्थापित नियमों का पालन करेंगे, जैसा कि ऊपर कहा गया है, और क्षेत्र के दौरे के संबंध में अचानक निर्णय लेने से बचेंगे."

चुनाव के बाद की हिंसा की स्थिति का जायजा लेने के लिए कूचबिहार पहुंचने के बाद राज्यपाल ने कहा, "चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव था. कहीं कोई समस्या नहीं थी. केवल बंगाल में रक्तपात क्यों हुआ? जिन लोगों ने एक पार्टी के पक्ष में अपना समर्थन नहीं दिया, उनके अधिकार कुचल डाले गए. उन्हें इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी."

राज्यपाल ने राज्य में हुई हिंसा के लिए मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा, "यह सब तब शुरू हुआ, जब ममता ने कहा कि केंद्रीय बल हमेशा के लिए नहीं रहेंगे और मुझे दुख हुआ, जब मैंने देखा कि चुनाव के दौरान वह कानून और संविधान और कानून की अनदेखी करने के लिए कह रही थीं और कहा था कि कानून 2 मई से शुरू होगा."

धनखड़ ने चुनाव के बाद की हिंसा के संबंध में राज्य सरकार को क्लीन चिट देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, "मैंने मीडिया में यह नैरेटिव पेश होते देखा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार को क्लीन चिट दी है. मैंने ऐसा कहीं नहीं देखा है. मैंने इसकी जांच की है."

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यपाल ने संविधान की अनदेखी की है. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "राज्यपाल ने सभी हदें पार कर दी हैं. मैं उनसे संविधान को पढ़ने के लिए कहूंगा, जिसमें यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि राज्यपाल को राज्य सरकार की सिफारिशों और सुझावों पर काम करना चाहिए."

Source : News Nation Bureau

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