पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कानून-व्यवस्था को लेकर समय-समय पर आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा है. बीरभूम के रामपुरहाट में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के बाद मकान बंद करके आग लगाने की घटना में आठ लोग जिंदा जल गये. बीरभूम में रामपुरहाट की घटना पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र में महिलाओं और बच्चों को जिंदा जलाए जाने से ज्यादा दर्दनाक कुछ नहीं हो सकता. मैं इस मुद्दे पर और कुछ नहीं कहूंगा.
उन्होंने कहा कि, "मैं उस पर एक शब्द भी नहीं कहूंगा क्योंकि पीएम बोल चुके हैं. मुझे यकीन है कि आप सभी ने इसे सुना होगा. नरसंहार की भयावहता को देखते हुए -हमने हाल के इतिहास में इस तरह का नरसंहार नहीं देखा है-उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया दी है."
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गौरतलब है कि बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में सोमवार देर रात बम फेंककर पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी. जानकारी के अनुसार, शेख स्टेट हाईवे 50 पर जा रहे थे. तभी अज्ञात लोगों ने उनपर बम फेंक दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद उन्हें रामपुरहाट के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद भड़की हिंसा में आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मामले को लेकर चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट तलब की है. वहीं, ममता बनर्जी सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वह 72 घंटों में बीरभूम की घटना की रिपोर्ट राज्य सरकार से मांगेंगे. इसके बाद एक टीम कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए वहां जाएगी.