Advertisment

कौन हैं पीरजादा अब्बास सिद्दीकी?  ममता को सत्ता की कुर्सी दिलाने के बाद अब देंगे ओवैसी का साथ!

पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पश्चिम बंगाल की फुरफुरा शरीफ दरगाह से जुड़े हैं. इस दरगाह का पूरे दक्षिण बंगाल के इलाके में काफी प्रभावशाली माना जाता है. अब्बास सिद्दीकी काफी समय से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थक भी रह चुके हैं.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
pirzada Abbas Siddiqui

पीरजादा अब्बास सिद्दीकी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, नए समीकरण बनने लगे हैं. पश्चिम बंगाल में एक नए समीकरण के बनने की चर्चा जोरों पर है. ममता बनर्जी को राज्य की सत्ता तक पहुंचाने वाले सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने अब एक बड़ा सियासी संकेत दिए हैं. कहा जा रहा है कि दोनों के बीच जल्द ही गठबंधन हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो इसे ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जाएगा.  

दरअसल रविवार को अब्बास सिद्दीकी और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात को बंगाल की सियासत में बड़ी घटना माना जा रहा है. बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ विख्यात दरगाह का दक्षिण बंगाल के कई इलाकों में दखल है. जब राज्य में लेफ्ट की सरकार थी तो ममता बनर्जी ने इसी दरगाह की मदद से सिंगूर और नंदीग्राम जैसे दो बड़े आंदोलन किए थे. 

यह भी पढ़ेंः 2 महीने से लापता चीनी अरबपति Jack Ma, शी जिनपिंग से विवाद पड़ा भारी

31 फीसद मुस्लिम वोटर
बंगाल में मुस्लिम वोटरों करीब 31 फीसद हैं. जिस दरगाह से पीरजादा अब्बास सिद्दीकी जुड़े हैं उसका मुस्लिम वोटरों पर खासा प्रभाव माना जाता है. पिछले कुछ समय से पीरजाता की ममता सरकार से नजदीकी काफी कम हुई है. कई बार बंगाल सरकार और खुद ममता बनर्जी के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं. ऐसे में ओवैसी से उनकी मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. 

ओवैसी और पीरजादा के बीच हुई मुलाकात के बाद ओवैसी ने कहा कि हमें पीरजादा का समर्थन मिल चुका है. बंगाल की करीब 100 सीटों पर फुरफुरा शरीफ दरगाह का प्रभाव है. ऐसे में चुनाव से पहले दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की नाराजगी मोल लेना ममता के लिए सियासी रूप से फायदे का सौदा नहीं साबित होने वाला है.

यह भी पढ़ेंः भारत अब सेकंड के अरबवें हिस्से को मापने में सक्षम, PM मोदी ने किया इस लैब का उद्घाटन

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिले 40 फीसद वोट
बंगाल में टीएमसी की चिंता बढ़ने के पीछे की एक वजह यह भी है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने वोटबैंक में भारी इजाफा किया था. बंगाल की अगल विधानसभा सीटों की बात की जाए हो वहां 294 सीटें हैं. इसमें से 2016 के चुनाव में टीएमसी को रिकॉर्ड 211, लेफ्ट को 33, कांग्रेस को 44 और बीजेपी को 3 सीटें मिली थी. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो टीएमसी को जहां 43.3 फीसद वोट मिले तो बीजेपी 40.3 फीसद वोट हासिल करने में कामयाब रही. इसके बाद से भी बीजेपी के बंगाल में हौंसले बुलंद हैं.  

Source : News Nation Bureau

West Bengal election असदुद्दीन ओवैसी पश्चिम बंगाल चुनाव Peerzada Abbas Siddiqui पीरजादा अब्बास सिद्दीकी Who is peerzada abbas siddiqui
Advertisment
Advertisment