कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा अनुचित तरीके से शिक्षकों के रूप में नियुक्त किए गए उम्मीदवारों के लिए स्वेच्छा से इस्तीफा देने की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने मंगलवार को कहा कि, समय आ गया है कि अदालत खाली उत्तर पुस्तिका जमा करने के बाद भी नौकरी पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख को बुधवार दोपहर 2 बजे तक उन उम्मीदवारों की सूची के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया, जो फर्जी तरीके से शिक्षक बन गए, यानी पैसों (भ्रष्टाचार) के दम पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के सर्वर में धांधली की गई.
ऐसे उम्मीदवारों के स्वेच्छा से इस्तीफा देने के लिए जस्टिस गंगोपाध्याय द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन इस मामले में अभी तक एक भी इस्तीफा डब्ल्यूबीएसएससी के कार्यालय में नहीं पहुंचा है. सितंबर में, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अवैध रूप से नियुक्त किए गए लोगों से अपील की थी कि वह स्वेच्छा से अपना इस्तीफा 7 नवंबर तक डब्ल्यूबीएसएससी कार्यालय को भेजें. उन्होंने यह भी कहा कि उन पदों को रिक्त माना जाएगा और आयोग को इन रिक्त पदों के बारे में लोगों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड अधिसूचना के रूप में सूचित करना चाहिए.
गंगोपाध्याय ने कहा कि स्वेच्छा से इस्तीफा देने वालों के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई शुरू की जाएगी और न ही आदेश दिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं देने वालों को अदालत से परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, जिसमें उन्हें एक निश्चित अवधि के लिए भविष्य की सभी सरकारी सेवाओं से प्रतिबंधित करने की सिफारिश भी शामिल है. उस आदेश को याद दिलाते हुए गंगोपाध्याय ने मंगलवार को कहा कि अब समय आ गया है कि अदालत उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया है.
गंगोपाध्याय ने कहा- सीबीआई को उन उम्मीदवारों की एक सूची प्रस्तुत करनी होगी जिन्होंने खाली उत्तर-पुस्तिकाएं जमा करने या कुछ सवालों के जवाब देने के बाद भी नौकरी हासिल की. सूची को बुधवार तक जमा करना होगा और एसआईटी के प्रमुख अधिकारी को सूची के साथ अदालत में उपस्थित होना होगा.
दरअसल, सीबीआई की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश ने सोमवार को डब्ल्यूबीएसएससी घोटाले से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए सवाल किया था कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी उन उम्मीदवारों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहे हैं, जिन्होंने प्रवेश परीक्षा में नंबर बढ़ाए और पैसा देकर नियुक्ति पत्र प्राप्त किए. न्यायाधीश ने कहा, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए क्योंकि वह साजिश का हिस्सा हैं.
Source : IANS