कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती अनियमितताओं की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष जांच दल (एसआईटी) के पुनर्गठन का आदेश दिया. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने विशेष रूप से डिप्टी सुपरिंटेंडेंट रैंक के अधिकारी केसी ऋषिनामोल और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी इमरान आशिक को एसआईटी से हटाने का आदेश दिया. हालांकि, एसआईटी प्रमुख और सीबीआई अधीक्षक, धर्मवीर सिंह, उप अधीक्षक सत्येंद्र सिंह, निरीक्षक सोमनाथ विश्वास और निरीक्षक मलय दास सहित टीम के अन्य चार सदस्य बने रहेंगे.
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि ऋषिनामोल और आशिक की जगह उप अधीक्षक अंगशुमान साहा, निरीक्षक बिश्वनाथ चक्रवर्ती, निरीक्षक प्रदीप त्रिपाठी और निरीक्षक वसीम अकरम खान नामक चार अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने यह भी आदेश दिया कि एसआईटी अब सीबीआई के उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी अखिलेश सिंह की सीधी निगरानी में काम करेगी.
जब सीबीआई के वकील ने अदालत को सूचित किया कि अखिलेश सिंह अभी दिल्ली में तैनात हैं, तो न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि एजेंसी को सिंह को अगले सात दिनों के भीतर कोलकाता में रिपोर्ट करने और उस उद्देश्य के लिए गठित एसआईटी का कार्यभार संभालने के लिए कहना चाहिए. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह भी आदेश दिया कि जब तक मामले की जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाएगी, तब तक सिंह को न तो कोलकाता से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा और न ही कोई अन्य कार्यभार दिया जाएगा.
उन्होंने देखा कि एसआईटी का पुनर्गठन और विस्तार जांच प्रणाली में गति लाने के लिए अनिवार्य हो गया था जो इस समय धीमी गति से चल रही है. उन्होंने जांच की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई थी. 15 नवंबर को जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि शिक्षकों की जांच कर रही सीबीआई की एसआईटी, भर्ती घोटाले को अपना काम तेजी से और विवेकपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए अतिरिक्त जनशक्ति की जरूरत है.
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने 14 नवंबर को कहा था, मुझे लगता है कि इस मामले में भ्रष्टाचार के अधिक से अधिक मामलों के संकेत हैं. उस मामले में सीबीआई की एसआईटी को मामले की जांच के लिए अतिरिक्त जनशक्ति की जरूरत होगी. मैं समझता हूं कि सीबीआई कई अन्य मामलों की जांच कर रही है. इसलिए, यदि आवश्यक हुआ, तो मैं जनशक्ति बढ़ाने के लिए एक आदेश पारित करूंगा. कल ही मैं एक सामाजिक सभा में था, जहां कई लोगों ने मुझसे पूछा कि मामले की जांच कब पूरी होगी.
Source : IANS