कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन और प्रदर्शन के अधिकार को बरकरार रखा. नियुक्ति पत्र से वंचित लोगों ने योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद मध्य कोलकाता के मेयो रोड स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे शांतिपूर्वक आंदोलन करने के अपने अधिकार की रक्षा के लिए उच्च न्यायालय में अपील की थी. न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने इस मामले में उनके अधिकारों को बरकरार रखा और उन्हें 40 दिनों के लिए उस स्थान पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी.
उन्होंने आदेश दिया कि उनके फैसले की कॉपी मिलने पर आंदोलनकारी कॉपी के साथ कोलकाता पुलिस मुख्यालय पहुंचेंगे. वहां पुलिस और आंदोलनकारी आपस में मिलकर तय करेंगे कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कब शुरू होगा.
सितंबर में जस्टिस मंथा ने आंदोलनकारियों को 16 सितंबर से शुरू होकर पांच दिनों तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी. समय सीमा समाप्त होने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मौके से हटा दिया. उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना आंदोलन जारी रखने के लिए न्यायमूर्ति मंथा की पीठ के समक्ष एक नई याचिका दायर की. याचिका में आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें बार-बार शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोक रही है.
सीबीआई ने सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले के केस में 12 लोगो पर केस दर्ज किया है. इस केस के अनुसार बंगाल स्कूल आयोग के पूर्व अध्यक्ष का भी नाम शामिल है.
Source : IANS