केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार शाम को कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार (kolkata police commissioner rajeev kumar) के घर पर छापेमारी की कोशिश की, तो बवाल मच गया. पुलिस कमिश्नर से पूछताछ के लिए पहुंची सीबीआई टीम को कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के अधिकारियों को हिरासत में ले लिया. बवाल मचा तो अपने इस अफसर के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलकर सामने आ गईं.
ममता बनर्जी (Mamata banerjee) सबसे पहले पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार (Rajeev Kumar) के घर गईं और फिर कोलकाता के मेट्रो चैनल पर धरना देने लगीं. इस घटना के बाद से राजीव कुमार सुर्खियों में हैं. आखिर राजीव कुमार कौन हैं, जिनके लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) अध्यक्ष ममता बनर्जी पूरी रात धरने पर बैठी रहीं.
ममता बनर्जी के चंद बेहद भरोसेमंद अफसरों में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का नाम भी है. राजीव कुमार को 2016 में सुरजीत कर पुरकायस्थ की जगह कोलकाता का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था. पुरकायस्थ को प्रमोट करके सीआईडी डिपार्टमेंट भेज दिया गया था. इससे पहले कुमार विधाननगर पुलिस कमिश्नरी में बतौर पुलिस कमिश्नर तैनात रह चुके हैं.
राजीव 1989 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के IPS अफसर हैं. वो कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) चीफ के रूप में भी काम कर चुके हैं. कुमार ने ही सारदा और रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले की जांच करने वाली स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) का भी नेतृत्व किया था. यह चिटफंड घोटाला साल 2013 में सामने आया था.
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सीबीआई ने इस मामले के कई अहम दस्तावेजों के कथित तौर पर गायब होने पर राजीव कुमार और अन्य अधिकारियों से जांच में सहयोग करने को कहा था, लेकिन वो सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए. बहुचर्चित शारदा और रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता भी आरोपी हैं. इस मामले में कई टीएमसी नेताओं को जेल भी भेजा जा चुका है.
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, 'कोलकाता के पुलिस कमिश्नर दुनिया के सबसे बेहतरीन अधिकारियों में से एक हैं. उनकी सत्यनिष्ठा, बहादुरी और ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है. वो 24 घंटे काम करते हैं.' उन्होंने बीजेपी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि झूठ हमेशा झूठ ही रहता है.
Source : News Nation Bureau