पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग (West Bengal Transport Department) ने वीआईपी और आपातकालीन अधिकारियों (VIP and emergency officers) की एक नई लिस्ट जारी की है जो अपने वाहनों के ऊपर बत्ती का उपयोग कर सकते हैं. इस सूची से राज्यपाल (Governor), मुख्यमंत्री (Chief Minister), विधानसभा अध्यक्ष (Speaker of the Legislative Assembly) और कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस (Chief Justice of Calcutta High Court) को बाहर कर दिया गया है. इस लिस्ट पर राज्य सरकार का कहना है कि उन्हें आम जनता को सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि अधिकारियों के वाहन- ड्यूटी पर रहते हुए, आपातकालीन (emergency) और आपदा प्रबंधन कर्तव्यों (disaster management duties) के लिए नामित हैं और उन्हें राज्य में अपने वाहन के ऊपर लाइट का उपयोग करने की अनुमति है."
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बता दें कि, साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश दिया था कि सभी वीआईपी वाहन लाल बत्ती का उपयोग नहीं कर सकते हैं. पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने बाद में एक नई सूची प्रकाशित की जिसमें अधिकांश वीआईपी को विशेषाधिकार के लिए सूचीबद्ध किया गया था. इसके अलावा, केंद्र सरकार (Central Government) ने भी साल 2017 में आपातकालीन और आपदा प्रबंधन कर्तव्यों में शामिल लोगों के अलावा वीवीआईपी के लिए सभी प्रकार की बीकन लाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया था. केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि केवल वे लोग जो आपातकालीन और आपदा प्रबंधन कर्तव्यों में लगे थे, वे अपने वाहनों पर बहु-रंग (लाल, सफेद और नीली) लाइट का उपयोग कर सकते हैं.
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हालांकि, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने बीकन लाइट का उपयोग करना जारी रखा क्योंकि राज्य ने उस वर्ष अधिसूचना जारी नहीं की थी. मतलब कि, राज्य सरकार ने नई दिशा-निर्देश प्रकाशित नहीं किए थे, लेकिन उसने वाहन के आगे इसके लोगो और झंडे की अनुमति दी थी.
HIGHLIGHTS
- परिवहन विभाग ने वीआईपी और आपातकालीन अधिकारियों की एक नई लिस्ट जारी की
- सूची से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बाहर