संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यह कानूनी रूप से नागरिकों की नागरिकता छीनने और भगवा पार्टी को धन देने वाले विदेशियों को नागरिकता देने का ‘षड्यंत्र’ है. भाजपा की मुखर आलोचक ममता बनर्जी शुरुआत से ही इस विवादित कानून का विरोध कर रही हैं.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग भाजपा को विदेशों से चंदा पाने और काले धन को सफेद करने में मदद करते हैं, उन्हें नागरिकता दी जा रही है. सीएए के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के धरना मंच से बनर्जी ने सवाल किया कि क्या यह अधिनियम कानूनी रूप से नागरिकों की नागरिकता छीनने और भगवा पार्टी को धन देने वाले विदेशियों को नागरिकता देने का ‘षड्यंत्र’ है.
West Bengal CM Mamata Banerjee in Kolkata: I had sent our people to meet Farooq Abdullah, but you did not allow them to come out of airport. We know how to respect our guests but that doesn't mean our party leaders will not be allowed to enter Jammu & Kashmir, Guwahati, and JNU. pic.twitter.com/TpfzEAPybT
— ANI (@ANI) January 14, 2020
कश्मीर के कुलगाम में अक्टूबर, 2019 में आतंकवादियों द्वारा बंगाली मजदूरों की हत्या का अप्रत्यक्ष हवाला देते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि अन्य राज्यों के लोगों को बंगाल में कोई खतरा नहीं है और वे सुरक्षित हैं. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘क्या उनका पाकिस्तान के साथ कोई समझौता है या वे पाकिस्तान के ब्रांड एम्बेसडर हैं.’’
यह भी पढ़ेंःफांसी से खौफ में निर्भया के दोषी, मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया कोलकाता यात्रा और तृणमूल कांग्रेस के शिष्टमंडल को विभिन्न जगहों से लौटाए जाने का हवाला देते हुए बनर्जी ने कहा कि हमें अपने अतिथियों का सम्मान करना आता है, हम अपने दुश्मनों के साथ भी विनम्र व्यवहार करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारी पार्टी के नेताओं को जम्मू, गुवाहाटी और जेएनयू जाने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने प्रधानमंत्री की कोलकाता यात्रा के दौरान राजभवन में उनसे भेंट की थी.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने अपने लोगों को फारूक अब्दुल्ला से मिलने के लिए भेजा था, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं आने दिया. हम जानते हैं कि मेहमानों का सम्मान कैसे किया जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारी पार्टी के नेताओं को जम्मू और कश्मीर, गुवाहाटी और जेएनयू में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
Source : Bhasha