पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तीन आपराधिक कानूनों - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता - के कार्यान्वयन को स्थगित करने का अनुरोध किया है. बनर्जी ने इन पर संसद में आगे चर्चा की मांग की है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ने इन कानूनों के कार्यान्वयन पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इन कानूनों के कार्यान्वयन को स्थगित करने की अपील की है.
पत्र में क्या बोलीं ममता बनर्जी
TMC सुप्रीमो ने अपने 20 जून के पत्र में कहा कि, “मैं आपसे विनम्रतापूर्वक भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय साक्षात् अधिनियम (बीएसए) 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा स्वच्छता (बीएनएसएस) 2023 के कार्यान्वयन को स्थगित करने की हमारी अपील पर विचार करने का अनुरोध करती हूं. हमारा मानना है कि यह स्थगन एक नए सिरे से संसदीय समीक्षा/जनादेश को सक्षम करेगा, कानूनी प्रणाली में जनता के विश्वास को मजबूत करेगा, और हमारे प्यारे देश में कानून के शासन को बनाए रखेगा,''
साथ ही बनर्जी ने पत्र में लिखा कि, “अगर आपको याद हो तो पिछले साल 20 दिसंबर को आपकी निवर्तमान सरकार ने इन तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को एकतरफा और बिना किसी बहस के पारित कर दिया था. उस दिन लोकसभा के लगभग एक सौ सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था और दोनों सदनों के कुल 146 सांसदों को संसद से बाहर निकाल दिया गया था. लोकतंत्र के उस अंधेरे समय में तानाशाही तरीके से विधेयक पारित किए गए. मामला अब समीक्षा का हकदार है.”
कब-कैसे-क्यों?
गौरतलब है कि, भारत के राष्ट्रपति ने 25 दिसंबर, 2023 को तीनों कानून बीएनएस, बीएसए और बीएनएसएस को सहमति दी थी. अधिसूचना के मुताबिक, ये नए आपराधिक कानून इस साल 1 जुलाई से प्रभावी होने हैं. ये नए कानून क्रमशः कॉलोनियल लॉ के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे.
Source : News Nation Bureau