West Bengal Politics News: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह मुंबई में शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगी. इस मुलाकात का उद्देश्य 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्ष की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के प्रयास पर चर्चा करना है. ममता बनर्जी का यह दौरा विपक्षी एकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. वहीं मुंबई दौरे के दौरान ममता बनर्जी उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी में शामिल होंगी. गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होते समय कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में ममता बनर्जी ने इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान वह शरद पवार और उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात करेंगी और विपक्ष की एकजुटता पर चर्चा करेंगी.
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राज्य को बदनाम करने का आरोप
आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने भाजपा और मीडिया के एक वर्ग पर राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एक क्लब के भीतर दो साल पहले युवती की पिटाई का पुराना वीडियो प्रसारित किया जा रहा है और इसे तृणमूल शासन में हुई घटना के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब यह घटना हुई थी, उस समय अर्जुन सिंह बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद थे.
वायरल वीडियो और पुलिस का दावा
वहीं बता दें कि इस विवाद का केंद्र एक वीडियो क्लिप है, जिसमें कुछ युवक एक युवती को मारते-पीटते नजर आ रहे हैं. बता दें कि ये वीडियो सोशल मीडिया पर मंगलवार सुबह ही वायरल हुआ था. अब इस वायरल वीडियो को लेकर पुलिस का दावा है कि ये वीडियो दो साल पुराना है. हालांकि, न्यूज़ नेशन इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
उपराष्ट्रपति धनखड़ का बयान
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महाराष्ट्र विधानमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र संवाद और चर्चा से फलता-फूलता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजनीतिक दलों के बीच संवादहीनता है, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. शिष्टाचार और अनुशासन लोकतंत्र का हृदय हैं और नैतिकता और सदाचार भारत में सार्वजनिक जीवन की पहचान है. धनखड़ ने इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के साहस को भी याद किया और देश में राजनीति के निम्न स्तर पर पहुंच जाने पर दुख जताया.
सदन में नारेबाजी पर चिंता
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सभी राजनीतिक दलों से आत्मचिंतन करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में व्यवधान झेल रहे हैं और सदन में आसन के सामने हंगामा और नारेबाजी किसी भी पीठासीन अधिकारी के लिए पीड़ादायक होती है. उन्होंने कहा कि सभापति और अध्यक्ष को दोनों पक्षों द्वारा अपनी सुविधा से निशाना बनाया जा रहा है. पीठासीन अधिकारी का सम्मान किया जाना चाहिए.
टकराववादी दृष्टिकोण की आलोचना
इसके साथ ही आपको बता दें कि धनखड़ ने कहा कि पार्टियां अक्सर सौहार्दपूर्ण नजरिये के बजाय टकराववादी और विरोधात्मक दृष्टिकोण अपनाती हैं. राज्य विधानसभाएं और संसद लोकतंत्र के उत्तरी ध्रुव हैं, जबकि विधायक और सांसद इसके प्रकाश स्तंभ हैं. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि सत्ता पक्ष पीठासीन अधिकारी के आसन के दायीं ओर होता है, लेकिन मानव शरीर में हृदय बायीं ओर होता है. इसी से आसन की कार्यप्रणाली निर्धारित होनी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- ममता बनर्जी ने BJP पर लगाए गंभीर आरोप
- पवार-उद्धव से मिलेंगी बंगाल CM!
- विपक्ष को मजबूत करने की पहल
Source : News Nation Bureau