Advertisment

हिंसा के बाद दार्जिलिंग की सड़कों पर उतरी ममता, बंगाल की पहाड़ियों में सेना का फ्लैग मार्च

पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में सेना ने कालिंपोंग, दार्जिलिंग और कुरसिओंग में शुक्रवार को फ्लैग मार्च निकाला।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
हिंसा के बाद दार्जिलिंग की सड़कों पर उतरी ममता, बंगाल की पहाड़ियों में सेना का फ्लैग मार्च

दार्जीलिंग में हिंसा (फाइल फोटो)

Advertisment

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दार्जिलिंग के मॉल रोड पर चहलकदमी की और यहां फंसे हजारों पर्यटकों की कुशलता तथा उन्हें बाहर निकालने के लिए किए गए परिवहन के इंतजामों का जायजा लिया।

घाटी में हिंसा फैलाने के प्रयास के लिए जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुं ग पर कटाक्ष करते हुए ममता ने स्थानीय लोगों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और उनसे गुरुं ग की विचारधारा का समर्थन न करने की अपील की।

गुरुवार को जीजेएम के हजारों आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने एक अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग में आगजनी की थी और पुलिस पर पत्थर फेंके थे, जिसमें 15 लोग घायल हुए थे।

पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद के दौरान दुकानों और होटलों के बंद रहने के बीच सेना ने कालिंपोंग, दार्जिलिंग और कुरसिओंग में शुक्रवार को फ्लैग मार्च निकाला।

दार्जिलिंग में हुई हिंसा को लेकर मुझे कोई जानकारी नहीः राज्यपाल

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा किए गए हंगामे तथा बंद को 'समृद्धि की देवी को दुख पहुंचाना' करार दिया, क्योंकि पहाड़ी इलाके की आजीविका का मूल आधार पर्यटन है।

गुरुवार को हुई हिंसा के बाद 45,000 पर्यटक फंस गए, जिनमें से 15,000 लोग दार्जिलिंग में जबकि 30,000 लोग अन्य पहाड़ी हिस्सों में फंसे हुए हैं।

ममता ने कहा, 'पर्यटक दार्जिलिंग के लिए देवी लक्ष्मी समान हैं। इस तरह तोड़फोड़ कर वे दार्जिलिंग की लक्ष्मी को दूर कर रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि वे किस तरह के आंदोलन में लिप्त हैं।'

जीजेएम ने 'अपने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ भेदभावपूर्ण पुलिस कार्रवाई' के विरोध में उत्तरी बंगाल के पहाड़ी इलाकों में 12 घंटों के बंद का आह्वान किया है, जिनमें दार्जिलिंग व कलिमपोंग जिला तथा मिरिक प्रमंडल शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल: हिंसक हुआ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का आंदोलन, ममता ने बुलाई सेना

पहाड़ी इलाके में किसी भी तरह की ताजा हिंसा दर्ज नहीं की गई है। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कोलकाता में कहा कि सेना की छह टुकड़ियों को तैनात किया गया है, जिनमें तीन दार्जिलिंग, दो कालिंपोंग और एक कुरसिओंग में हैं। प्रत्येक टुकड़ी में 43 जवान शामिल हैं।

क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तीन कंपनियों को भी तैनात किया गया है।

सेना के प्रवक्ता ने कहा, 'दार्जिलिंग में एक उपद्रवी भीड़ के हिंसक होने और सरकारी कर्मचारियों को घायल करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद गुरुवार की शाम 6.15 बजे सेना को बुलाया गया था।'

और पढ़ें: ममता ने अपने अधिकारियों को दिया निर्देश- न मानें केंद्र का फैसला, गौ तस्करी पर लगाएं रोक

प्रवक्ता ने कहा, 'सेना, सीआरपीएफ और नागरिक प्रशासन आपस में समन्वय कर रहे हैं और स्थिति नागरिक प्रशासन के नियंत्रण में है।'

इसी बीच गुरुवार को ममता ने दार्जलिंग में मंत्रिमंडल की बैठक की। 45 वर्षो के इतिहास में पहली बार इस पहाड़ी जिले में मंत्रिमंडल की बैठक हुई है। बैठक के बाद क्षेत्र के गंभीर हालात तथा पर्यटकों के फंसे होने को लेकर ममता तथा दो मंत्रीयों ने फिलहाल दार्जिलिंग में ठहरने का मन बनाया है।

इसे भी पढ़ेंः NIA ने टेरर फंडिंग मामले में तीन अलगाववादी नेताओं बिट्टा कराटे, नईम खान और जावेद अहमद से की पूछताछ

HIGHLIGHTS

  • गुरुवार को अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जीजेएम ने दार्जिलिंग में आगजनी की थी
  • 12 घंटे के बंद के दौरान सेना ने कालिंपोंग, दार्जिलिंग और कुरसिओंग में शुक्रवार को फ्लैग मार्च निकाला
  • गुरुवार को ममता ने दार्जलिंग में मंत्रिमंडल की बैठक की

Source : News Nation Bureau

Mamata Banerjee Darjeeling protest Darjeeling strike
Advertisment
Advertisment