पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम सीएए के नाम पर लोगों को डिटेंशन कैंप में भेजा गया तो इसका वह विरोध करेंगी. ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए, एनआरसी बंगाल और पूर्वोत्तर के प्रति वह काफी संवेदनशील हैं. सीएम ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले वह अशांति नहीं चाहती हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि भारत में अभी जो रह रहा है वह सभी नागरिक हैं. नया कानून किसी से उनके अधिकारों से वंचित नहीं करने वाला है. अगर ऐसा होता है तो वे इसका विरोध करेंगी.
किसी तरह का बवाल नहीं होना चाहिए
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले किसी तरह का बवाल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, रमजान के पहले आज के दिन को क्यों चुना गया? उन्होंने कहा कि नई शाम आरंभ होने के पहले कहती हूं की आधी रात को ऐसा कुछ न करें, यह फ्रीडम एट मिडनाइट नहीं है. ये भाजपा का छल है. अगर पार्टी में साहस होता तो 6 माह पहले करते.
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नोटिफिकेशन देखने दीजिए: ममता
पश्चिम बंगाल की सीएम का कहना है कि पहले उन्हें रूल देखने दिया जाए. इसके साथ नोटिफिकेशन देखने दीजिए. अगर रूल में देखकर लगा कि वह लोगों को वंचित कर रहे हैं तो इसके लिए हम लड़ाई लड़ेंगे. हम नियम को देखकर बताएंगे कि ये भाजपा चुनावी प्रचार है, इसके अलावा कुछ नहीं.
केन्द्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 लागू करने का ऐलान किया है. सीएए नियम जारी होने के बाद, बिना दस्तावेज के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदुओं, सिखों को नागरिकता मिल सकेगी.
Source : News Nation Bureau