पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने मोदी सरकार (Modi Government) के आर्थिक पैकेज (Economic Package) को देश की जनता के साथ धोखा बताया है. उन्होंने कहा कि ये बिग जीरो है. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि जनता को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को कुछ देंगे, लेकिन वे छले गए हैं उन्हें कुछ नहीं मिला है.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी का 20 लाख का आर्थिक पैकेज सिर्फ छलावा है. मोदी सरकार को किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए था, जैसा कि पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था. उन्होंने आगे कहा कि राज्यों को इस आर्थिक पैकेज में कुछ नहीं मिला है. पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने आपको समझाया कि 20 लाख करोड़ में 10 करोड़ की योजनाएं तो पहले से ही चल रही हैं और राज्यों को कुछ नहीं मिला है.
पैकेज: एमएसएमई इकाइयों को बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) समेत उद्यमों को बिना गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा देने की घोषणा की. उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं को बताया कि इस स्वचालित कर्ज सुविधा से 45 लाख इकाइयों को लाभ होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के प्रेत्साहन पैकेज की घोषणा की थी.
वित्त मंत्री ने कहा कि यह कर्ज चार साल के लिये दिया जाएगा और 12 महीने तक किस्त से राहत दी जाएगी. इसके अलावा इस समय कर्ज नहीं चुका पा रही एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दी जाएगी. इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होगा. सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई्र के लिये ‘फंड ऑफ फंड’ गठित किया जा रहा है, इसके जिरये वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी.
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इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा बदली गयी है. इसके तहत अब एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाई कहलाएगी. अबतक यह सीमा 25 लाख रुपये थी. उन्होंने कहा कि इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा के लिये कारोबार आधारित मानदंड बनाया गया है. इसके तहत 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाइयां भी सूक्ष्म इकाइयां कहलाएंगी. मुख्य रूप से लघु इकाइयों को को परिभाषित करने के लिये यह मानदंड लाया गया है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये निवेश और कारोबार सीमा बढ़ाने के जरिये उन्हें वित्तीय और अन्य लाभ उठाने की अनुमति दी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि 200 करोड़ रुपये तक के लिए सरकारी खरीद को लेकर वैश्विक निविदा पर पाबंदी होगी. इससे एमएसएमई को सरकारी निविदाओं में भाग लेने, प्रतिस्पर्धा करने और आपूर्ति करने में मदद मिलेगी.